
सरायकेला: जिला के नारायण प्राइवेट आईटीआई, लुपुंगडीह नीमडीह परिसर में भगवान महावीर की जयंती मनाई गई. इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक डॉ. जटाशंकर पांडे ने महावीर के जीवन और उनके महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि महावीर जयंती जैन धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान महावीर के जन्म का जश्न मनाता है.महावीर जयंती का महत्व जैन धर्म में अत्यधिक है, क्योंकि यह भगवान महावीर के जन्म का पर्व है. महावीर को जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर के रूप में माना जाता है. उनका जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तेरहवीं तिथि को 599 ईसा पूर्व हुआ था.
महावीर का जीवन और शिक्षाएं
महावीर का जीवन और शिक्षाएं जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने अहिंसा, सत्य, और आत्म-नियंत्रण के महत्व पर जोर दिया. उनके अनुसार, जीवन का उद्देश्य आत्म-शुद्धि और मोक्ष प्राप्त करना है.
समारोह की गतिविधियाँ
नारायण प्राइवेट आईटीआई लुपुंगडीह में महावीर जयंती समारोह के दौरान भगवान महावीर की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए. डॉ. जटाशंकर पांडे ने बताया कि जब रानी त्रिशला ने महावीर को जन्म दिया, तो स्वर्गीय प्राणियों (देवों) के प्रमुख इंद्र ने सुमेरु पर्वत पर अभिषेक नामक एक अनुष्ठान किया. यह पाँच शुभ घटनाओं (पंच कल्याणकों) में से दूसरा है, जो सभी तीर्थंकरों के जीवन में घटित होता है.
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर मुख्य रूप से जिला मंत्री आकाश महतो (भाजपा), नवीन महंती, मिथुन रूहीदस, जयदीप पांडे, शांति राम महतो, पवन कुमार महतो, देवाशीष मंडल, शुभम साहू, अजय मंडल, सशी प्रकाश महतो, संजीत महतो, प्रकाश महतो आदि उपस्थित रहे.
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