सरायकेला: सरायकेला के पूर्व उपाध्यक्ष और समाजसेवी मनोज चौधरी ने कोलकाता स्थित होटल ताज बंगाल में आयोजित दक्षिण पूर्व रेलवे जोनल परामर्शदाता समिति (ZRUCC) की बैठक में भाग लिया। बैठक में उन्होंने छऊ कला की नगरी सरायकेला को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की अपनी मांग जोरदार तरीके से रखी।
मनोज चौधरी ने बैठक में बताया कि भारत में रेलवे का आधुनिकीकरण लगातार प्राथमिकता में रहा है। 2014 के बाद से रेलवे का किफायती, सुरक्षित और मजबूत नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। देशभर में जिला मुख्यालयों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने, तेज गति ट्रेनों का संचालन और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा देने की योजना लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरायकेला खरसावां जिला मुख्यालय का इतिहास गौरवशाली है, लेकिन रेलवे कनेक्टिविटी न होने के कारण शिक्षा, मेडिकल और व्यापार संबंधी काम प्रभावित हो रहे हैं।
सरायकेला झारखंड की कला-संस्कृति की राजधानी है। यहाँ से निकला वैश्विक स्तर का छऊ नृत्य देश और विदेशों में प्रसिद्ध है। सरायकेला के 7 महान विभूतियों को पद्मश्री सम्मान मिल चुका है।
सरायकेला-खरसावां जिले में एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र स्थित है। इस क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 25,000 मजदूर रोज़ाना साइकिल या अन्य कठिन साधनों से दूर-दूर से गम्हरिया और आदित्यपुर तक यात्रा करते हैं। रेलवे कनेक्टिविटी न होने के कारण उनका समय और मेहनत दोनों बर्बाद हो रही है।
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मनोज चौधरी ने बैठक में चाईबासा कमिश्ररी में रेलवे सुविधा न होने की समस्या भी उठाई। कोल्हन कमिश्ररी सालाना 13,000 करोड़ रुपए राजस्व देती है, लेकिन यहाँ से देश के किसी बड़े शहर की रेलवे कनेक्टिविटी बेहद सीमित है।
उन्होंने कहा कि चाईबासा में पैसेंजर यार्ड (टर्मिनल) का निर्माण अति आवश्यक है। इससे:
टाटानगर स्टेशन का लोड कम होगा
चाईबासा से नई ट्रेनों का संचालन आसान होगा
चाईबासा-रांची, चाईबासा-हावड़ा, चाईबासा-पुरी और चाईबासा-नई दिल्ली जैसी ट्रेन सेवाओं में सुधार होगा
ट्रेनों के लेट होने या रद्द होने से यात्रियों की परेशानी कम होगी
बैठक में सांसद विद्युत वरण महतो, प्रताप सारंगी, ज्योतिर्मय सिंह महतो, रेलवे अधिकारी और ZRUCC के सदस्य मौजूद थे। मनोज चौधरी ने इस अवसर पर रेलवे अधिकारियों को जानकारी दी और स्थानीय जनता के हितों में कई सुझाव और मांगें रखीं।