
Medinipur : डीवाईएफआई के पश्चिम मेदिनीपुर जिला अध्यक्ष शुभोदीप सेन व उनकी पत्नी मैत्रेयी दुले सेन की इकलौती पुत्री के जन्मदिन के अवसर पर शनिवार को प्रियजनों ने मृत्यु उपरांत देह दान का संकल्प लिया। आज के आधुनिक समाज को जब अंधविश्वास व छद्म विज्ञान की बाड़ जकड़ रही है, तब स्वैच्छिक मृत्यु उपरांत देह दान चिकित्सा विज्ञान की उन्नति के लिए मानव शरीर के उपयोग की एक महत्वपूर्ण प्रतिज्ञा है। नन्ही संमोनिता के जन्मदिन पर परिवार के लगभग सभी अभिभावकों ने मृत्यु उपरांत देह दान करने की प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर किए।
विज्ञान केंद्र ने इस दिशा में मदद का हाथ बढ़ाया
पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच के ग्वालतोड़ विज्ञान केंद्र ने इस दिशा में मदद का हाथ बढ़ाया। इस अवसर पर ग्वालतोड़ विज्ञान केंद्र के सचिव विश्वजीत प्रमाणिक, अध्यक्ष पल्लब लायेक व विज्ञान केंद्र के पदाधिकारी जयंत नंदी उपस्थित थे। विज्ञान केंद्र के कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह देह दान शाल पियाल के जंगल से घिरे ग्वालतोड़ जैसे सुदूर क्षेत्र में विज्ञान और प्रगति के पथ पर एक नई दिशा दिखाएगा।
आगे बढ़ाने में शामिल होने का आह्वान
इस दिन मृत्यु के बाद देहदान करने का संकल्प संमोनिता के पिता डीवाईएफआई के जिला अध्यक्ष शुभोदीप सेन, माता मैत्रेयी दुले सेन, दादा सेवानिवृत्त शिक्षक संदीप सेन, दादी सीमा सेन, नाना पूर्व शिक्षक श्यामल दुले, नानी पूर्व स्वास्थ्य कार्यकर्ता स्वप्ना दुले और नानी पूर्व शिक्षिका दीप्ति धर ने लिया। मृत्यु के बाद देहदान करने का संकल्प लेने वालों ने सभी से इस विचार को बढ़ावा देने और आगे बढ़ाने में शामिल होने का आह्वान किया है ताकि भविष्य में क्षेत्र के अधिक से अधिक लोग देहदान करने के लिए आगे आएं, जैसे उनके शरीर का उपयोग मानवता के लाभ और मृत्यु के बाद चिकित्सा विज्ञान की उन्नति के लिए किया जाएगा।
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