
जमशेदपुर: जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के IQAC सेल, डिपार्टमेंट ऑफ वोकेशनल स्टडीज और रूसा सेल के तत्वावधान में ‘इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट इन एकेडमिक रिसर्च’ पर एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में एनएमएल के डॉ. देवाशीष घोष ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया. डॉ. घोष, जो इस कॉलेज के पूर्व छात्र भी हैं, ने बौद्धिक संपदा अधिकार, पेटेंट और कॉपीराइट के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला.
प्राचार्य और अन्य वक्ताओं का योगदान
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए बौद्धिक संपदा अधिकार की प्रासंगिकता और महत्व पर जोर दिया. आईक्यूएसी की समन्वयक डॉ. नीता सिन्हा ने विषय की गहराई और उसकी व्यापकता पर अपने विचार प्रस्तुत किए. डॉ. स्वाति सोरेन ने मुख्य वक्ता का परिचय कराया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन के इश्वर राव ने किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुपम ने बखूबी किया.
विद्यार्थियों और शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी
इस सम्मेलन में कॉलेज के शिक्षक और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली. उपस्थित शिक्षकों में डॉ. ब्रजेश कुमार, डॉ. एस.एन. ठाकुर, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. संजय यादव, डॉ. अमर कुमार, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. आर.एस.पी. सिंह, डॉ. मंगला, डॉ. स्वाति वत्स, डॉ. के. इश्वर राव, डॉ. शालिनी और डॉ. संगीता प्रमुख रूप से शामिल थे.
क्या बौद्धिक संपदा अधिकार पर जागरूकता शोध को नई दिशा दे सकती है?
इस सम्मेलन ने शैक्षणिक शोध में बौद्धिक संपदा अधिकार की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया. क्या ऐसे कार्यक्रम शोध और नवाचार को अधिक संरक्षित और सशक्त बना सकते हैं? यह प्रश्न शिक्षकों और विद्यार्थियों को आगे की राह तय करने के लिए प्रेरित करता है.
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