
पोटका: गांगडीह में श्री श्री अष्टम प्रहर हरिनाम संकीर्तन का आयोजन समाजसेवी सुरजीत कुंडू और समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से किया गया. इस आयोजन का उद्घाटन दुलाल मुखर्जी द्वारा फीता काटकर किया गया. हरिनाम संकीर्तन के शुभारंभ से पहले गांव के समाजसेवी लक्खी चरण कुंडू, काशीनाथ कुंडू और अशोक कुंडू को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. ग्रामवासियों ने उनके योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन किया.
कलयुग में हरिनाम संकीर्तन का महत्व
महान साहित्यकार सुनील कुमार दे ने इस अवसर पर कहा कि, “झारखंड से होते हुए चैतन्य महाप्रभु एक समय ओडिशा गए थे और इन क्षेत्रों में हरिनाम संकीर्तन का विशेष प्रचलन है. हरिनाम संकीर्तन का आयोजन विश्व शांति, लोक कल्याण और गांव की शांति के लिए किया जाता रहा है.” उन्होंने बताया कि कलयुग में हरिनाम संकीर्तन एकमात्र ऐसा माध्यम है, जिससे व्यक्ति मुक्ति और मोक्ष प्राप्त कर सकता है. उन्होंने सभी से अपील की कि वे हरिनाम में रमकर अपना और लोक कल्याण के कार्य करें.
समिति द्वारा किए गए प्रयास
समाजसेवी सुरजीत कुंडू ने बताया कि यह हरिनाम संकीर्तन का नौवां साल है. यह आयोजन उनके पिता द्वारा शुरू की गई परंपरा को आगे बढ़ाने और धर्म के मार्ग को प्रशस्त करने के उद्देश्य से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम सभी ग्रामवासी मिलकर इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित हैं. इस कार्यक्रम में संजय कुंडू, सुनील कुमार दे, भास्कर पाल, गौतम कुंडू, पद्मावती कुंडू, सुभाष मोदी, प्रभास समुई, सीकेत कुंडू, प्रशांत कुंडू, विश्वजीत मोरल, विनय कुंडू सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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