
पोटका: पोटका क्षेत्र के गरीब, असहाय और अनाथ बच्चों को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों तक पहुँचाने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। गाजुड़ संस्था के संस्थापक जन्मेजय सरदार और फाउंडर मेंबर पवन कुमार (IIM बैंगलोर से पासआउट) ने हाता के इंपिरियल रिजॉर्ट में आयोजित प्रेस वार्ता के माध्यम से इस निर्णय की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि संस्था अब पोटका क्षेत्र में आधा दर्जन निशुल्क कोचिंग सेंटर शुरू करेगी, जहाँ बच्चों को IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए स्नातक स्तर की तैयारी कराई जाएगी।
नवोदय और सैनिक स्कूल की भी तैयारी
गाजुड़ संस्था ने सिर्फ IIM तक सीमित न रहकर बच्चों को नवोदय विद्यालय, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, सैनिक स्कूल, हजारीबाग का आवासीय बालिका विद्यालय और नेतरहाट विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश दिलाने के लिए भी योजना बनाई है। इन स्कूलों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी निशुल्क कोचिंग के माध्यम से करवाई जाएगी। साथ ही, नामांकन की प्रक्रिया में भी कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
संस्था का यह लक्ष्य है कि ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच मिले, ताकि वे आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार हो सकें।
14 वर्षों की सफलता: 30 से अधिक छात्रों को मिली नई राह
संस्था बीते 14 वर्षों से लगातार कार्य कर रही है और अब तक 30 से अधिक गरीब एवं अनाथ बच्चों को नवोदय और एकलव्य जैसे विद्यालयों में नामांकन दिला चुकी है। इन बच्चों में से कई आज डॉक्टर, इंजीनियर और यूपीएससी जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
संस्थापक जन्मेजय सरदार ने कहा कि ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था अत्यंत दयनीय है और बदलाव के लिए जमीनी स्तर पर काम करना आवश्यक है। उनका उद्देश्य है कि बच्चे कोचिंग से न केवल शैक्षणिक रूप से, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी मजबूत बनें।
रोजगार से जोड़े जाएंगे युवा और महिलाएं
संस्था द्वारा न केवल शिक्षा, बल्कि रोजगार के क्षेत्र में भी पहल की जा रही है। पोटका क्षेत्र में युवा और महिला समितियों को स्वरोजगार से जोड़ने की शुरुआत की गई है, ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
मुंबई से आए पवन कुमार ने पोटका के विभिन्न गांवों का दौरा कर जमीनी हालात का जायजा भी लिया।
प्रेस वार्ता में कौन-कौन रहे उपस्थित?
इस अवसर पर शिक्षक विमल चंद्र मंडल, माताजी आश्रम के अध्यक्ष कृष्णा पद मंडल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम में ग्रामीण शिक्षा के भविष्य पर विस्तृत चर्चा की गई और संस्था की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया गया।
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