
पोटका: गर्मी का तापमान बढ़ने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा रहा है. ओड़िशा से सटे रसुनचोपा पंचायत के लोवाड़ीह गांव में स्थित आदिवासी बहुल राजस्व गांव में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. यह गांव लगभग 400 की आबादी का है और यहां तीन चापाकलों में से सभी करीब 10 महीने से खराब पड़े हैं. इसके अलावा, एक जल मीनार है, लेकिन उसमें पाइपों के फट जाने के कारण मीनार का संचालन पूरी तरह से ठप हो चुका है.
जल संकट के कारण और ग्रामीणों की पीड़ा
गांव के निवासी सुनाराम हेंब्रम ने बताया कि पानी की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है. महिलाओं को दूर-दूर जाकर पानी लाना पड़ता है. खराब चापाकल और जल मीनार की खराब स्थिति ने गांववासियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. जल मीनार में पानी को टंकी तक लाने वाले पाइप और सप्लाई पाइप दोनों फट गए हैं, जिससे यह पूरी तरह से बंद पड़ा है.
गांव की महिलाओं का प्रदर्शन और सरकार से अपील
ग्रामीण महिलाओं ने इस संकट का समाधान खोजने के लिए प्रदर्शन किया. उन्होंने झारखंड सरकार के पेयजल विभाग से शीघ्र चापाकल की मरम्मत और जल मीनार में नई पाइपें लगाने की मांग की. प्रदर्शन करने वालों में सुचित्रा टुडू, निद्रावती सरदार, सुनीता हांसदा, जसमी हांसदा, श्रुति मार्डी, सुकुरमनी हेंब्रम, छोट राय हांसदा, दुली हेंब्रम सहित अन्य ग्रामीण शामिल थे.
जल संकट से निपटने के लिए आवश्यक कदम
लोवाडीह गांव में जल संकट को दूर करने के लिए जल मीनार की मरम्मत, चापाकल की जल्द से जल्द सही स्थिति में लाना और जल आपूर्ति प्रणाली को दुरुस्त करना अत्यंत आवश्यक है. सरकार द्वारा इस दिशा में शीघ्र कदम उठाए जाने की उम्मीद है, ताकि गांववासियों को राहत मिल सके.
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