
पोटका : ओल चिकी लिपि के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर पोटका प्रखंड के चेमाइजुरी गांव में एक भव्य समारोह आयोजित हुआ. इस आयोजन में केरूआडूंगरी पंचायत के मुखिया कान्हु मुर्मू को ओल चिकी आंदोलन में उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया. यह सम्मान झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने अपने कर-कमलों से प्रदान किया.
संघर्ष और प्रतिबद्धता का हुआ सम्मान
कान्हु मुर्मू को यह सम्मान ओल चिकी लिपि के प्रचार-प्रसार और 4 जुलाई 2023 को हुए आंदोलन में उनके साहसिक योगदान के लिए दिया गया. आंदोलन के दौरान केस दर्ज होने के बावजूद उन्होंने संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ा और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा में डटे रहे.
इस आयोजन में केवल कान्हु मुर्मू ही नहीं, बल्कि उनके साथ माझी बाबा दुर्गा चरण मुर्मू, विश्वनाथ मार्डी, लखन हेंब्रम और गुंजाए सोरेन जैसे अन्य जुझारू साथियों को भी प्रशंसा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.
कान्हु मुर्मू का प्रेरणादायक संदेश
सम्मान ग्रहण करते हुए कान्हु मुर्मू ने कहा,
“मैं इस सम्मान को समाज के संघर्षशील लोगों को समर्पित करता हूँ. अभी समाज के लिए बहुत कुछ करना बाकी है. चाहे जितने भी केस झेलने पड़ें, हम समाज और ग्रामीण जनता के हक की लड़ाई जारी रखेंगे.”
सांस्कृतिक चेतना का सशक्त मंच
इस कार्यक्रम में ऑल इंडिया राइटर एसोसिएशन, ओल चिकी हूल बैसी, झारखंड माझी परगना महल सहित कई संगठनों ने भाग लिया. समारोह ने यह संदेश दिया कि ओल चिकी लिपि केवल एक लेखन प्रणाली नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता और आत्मसम्मान की प्रतीक है.कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए ओल चिकी हूल बैसी झारखंड को पूरे समाज की ओर से धन्यवाद दिया गया.
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