
जमशेदपुर: रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते का खास दिन है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। भाई भी बहन को सुरक्षा और प्यार का वादा करता है। इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा और अच्छी बात यह है कि इस बार भद्रा दोष नहीं है। मतलब – पूरे दिन राखी बांधना शुभ रहेगा।
राखी बांधते समय ध्यान रखने वाली जरूरी बातें
त्योहार की खुशी में कई बार जरूरी परंपराएं छूट जाती हैं। इसलिए राखी बांधते वक्त इन बातों का ध्यान रखें:
भाई के सिर पर रुमाल या साफ कपड़ा रखें, इसे शुभ माना जाता है।
प्लास्टिक या टूटी राखी न बांधें, ये अशुभ मानी जाती है।
सोने-चांदी की राखी सीधे न बांधें, पहले सूत या कपास की राखी बांधें, फिर सजावटी राखी।
राखी बांधते वक्त सही मुहूर्त का ध्यान रखें – भद्रा काल में राखी न बांधें।
भाई का दाहिना हाथ नीचे रखें और राखी बांधने के बाद भाई बहन के पैर छूकर आशीर्वाद ले।
राखी में तीन गांठ क्यों लगाई जाती हैं?
राखी बांधते समय तीन गांठें लगाना शुभ माना जाता है। ये गांठें त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश को समर्पित होती हैं। हर गांठ के साथ बहन भाई के लिए स्वास्थ्य, सुख और दीर्घायु की कामना करती है। इससे भाई-बहन का रिश्ता और मजबूत होता है और रक्षा सूत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।
किस दिशा में बैठकर बांधें राखी?
रक्षाबंधन पर दिशा का ध्यान रखना भी जरूरी है। राखी बांधते समय भाई का चेहरा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा को सूर्य और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा माना गया है। इससे बहन की प्रार्थना और तिलक का असर ज्यादा फलदायक होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्व दिशा में बैठकर किया गया पूजन सबसे शुभ माना जाता है।
इस रक्षाबंधन पर परंपरा को भावनाओं से जोड़ें
रक्षाबंधन सिर्फ रस्मों का त्योहार नहीं है, यह उन अनकहे जज्बातों का दिन है जो भाई-बहन के बीच जीवनभर रहते हैं। सही दिशा, सही तरीका और शुद्ध मन से की गई राखी की रस्म भाई को न सिर्फ सुरक्षा देती है, बल्कि बहन के प्यार और आशीर्वाद का अमूल्य तोहफा भी बन जाती है।
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