
जमशेदपुर: मानगो पेयजल परियोजना में लगातार हो रही गिरावट को लेकर विधायक सरयू राय ने रात्रिकालीन औचक निरीक्षण किया. उनका मुख्य उद्देश्य यहां के सभी घरों तक पेयजल पहुंचाने के लिए परियोजना की स्थिति को सुधारना था. रविवार रात साढ़े 11 बजे से ढाई बजे तक चली इस निरीक्षण प्रक्रिया में कई गंभीर कमियां उजागर हुईं. सरयू राय ने इस परियोजना के संचालन के लिए मानगो नगर निगम को जिम्मेदारी सौंपने का प्रस्ताव दिया.
सरयू राय का निरीक्षण और परेशान करने वाली समस्याएं
सरयू राय ने बताया कि परियोजना में कई महत्वपूर्ण तकनीकी कमियां हैं. इंटक वेल में लगे पंपों में से केवल तीन पंप ही काम कर रहे थे, जबकि 6 पंपों की आवश्यकता थी. इसके अलावा, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भी कोई व्यवस्थित सफाई और तकनीकी सुधार नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि पानी साफ करने के लिए आवश्यक तत्व जैसे फिटकरी, ब्लीचिंग पाउडर और हाइपो की उचित व्यवस्था नहीं थी. इसके अलावा, कम क्षमता के पंपों के कारण पानी का प्रवाह और टंकियों में पानी भरने की गति धीमी थी.
पाइपलाइन और कनेक्शन की समस्या
सरयू राय ने यह भी बताया कि कई स्थानों पर पाइपलाइन तो बिछाई गई है, लेकिन मेन लाइन से जुड़ा नहीं गया है. इससे कई बस्तियों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. उदाहरण के तौर पर, जवाहरनगर के रोड नंबर 14 में पाइपलाइन बिछाई गई, लेकिन कनेक्शन नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह स्थिति निराशाजनक है और इसका कोई समाधान नहीं किया जा रहा है.
स्वच्छता विभाग और ठेकेदार की लापरवाही
सरयू राय ने कहा कि यह व्यवस्था ठीक से मॉनीटर नहीं हो रही है. पेयजल परियोजना को चलाने वाली एजेंसी के कार्यकलापों की निगरानी नहीं हो रही, जिसके कारण पानी की सफाई की प्रक्रिया पूरी तरह से प्रभावित हो रही है. उन्होंने यह भी बताया कि जहां पानी की सफाई के लिए फिल्टरेशन प्लांट लगाया जाना था, वहां 10 साल पुराने बालू और कंकड़ अभी भी चल रहे हैं, जिन्हें अब तक बदला नहीं गया.
पानी की आपूर्ति में गंभीर समस्या
रात्रिकालीन निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि नई पानी की टंकी का पंप हज़ारों हार्स पावर का होने के बावजूद पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहा था. 15-16 घंटों तक पानी की टंकी नहीं भर पा रही थी. इसके अलावा, पंपहाउस का संचालक ताला मारकर गायब था, जो गंभीर लापरवाही को दर्शाता है.
राय का समाधान प्रस्ताव
सरयू राय ने इस स्थिति को सुधारने के लिए पेयजल और स्वच्छता विभाग से परियोजना की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपने का प्रस्ताव रखा. उनका मानना है कि अगर नगर निगम इस परियोजना को चलाएगा, तो जिम्मेदारी तय होगी और पानी की आपूर्ति में सुधार होगा. इसके अलावा, उन्होंने स्वच्छता विभाग के अधिकारियों से भी इस मुद्दे पर विचार करने की अपील की.
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