
रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी आंदोलन के महानायक शिबू सोरेन का आज मंगलवार को उनके पैतृक गांव नेमरा (गोला, रामगढ़) में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
रांची में उमड़ा श्रद्धांजलि का सैलाब
मंगलवार सुबह से ही रांची स्थित मोरहाबादी आवास पर भारी संख्या में लोग अंतिम दर्शन को पहुंचे। सभी ने “दिशोम गुरु” को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी पहुंचे, जो कभी गुरुजी के करीबी माने जाते थे और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं। गुरुजी के पार्थिव शरीर के सामने आते ही चंपई खुद को रोक नहीं पाए और फूट-फूटकर रो पड़े। भावुक होते हुए चंपई सोरेन ने कहा –
“मरांग बुरू उनकी आत्मा को शांति दें। मैं आज भी वो पल नहीं भूल सकता जो हमने झारखंड आंदोलन के दौरान एक साथ बिताए। पहाड़, जंगल, गांव-गांव की लड़ाई से लेकर विधानसभा तक का सफर याद आ रहा है।”
आप सांसद संजय सिंह और पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी मौजूद हैं। सांसद पप्पू यादव एवं मंत्री इरफान अंसारी ने शिबू सोरेन को आदिवासी अस्मिता और संघर्ष का प्रतीक बताया और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की।
विधानसभा में हुई श्रद्धांजलि सभा
गुरुजी का पार्थिव शरीर झारखंड विधानसभा लाया गया, जहां सभी दलों के विधायकों और मंत्रियों ने उन्हें अंतिम सलामी दी। यहां से अंतिम यात्रा रामगढ़ के नेमरा गांव के लिए रवाना हुई। विधानसभा परिसर में उन्हें “गॉड ऑफ ऑनर” दिया गया। झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय मंत्री जुम्मेल उरांव, अन्नपूर्णा देवी, संजय सेठ, झामुमो, भाजपा और कांग्रेस के कई विधायक व राज्य सरकार के मंत्री अंतिम श्रद्धांजलि देने वालों में शामिल रहे.
दिल्ली में हुआ था निधन
शिबू सोरेन का निधन सोमवार सुबह 8:56 बजे दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में हुआ। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से झारखंड समेत पूरे देश में शोक की लहर है। झारखंड सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज झुका रहेगा और किसी भी सरकारी आयोजन का आयोजन नहीं किया जाएगा।
गांव में अंतिम संस्कार की तैयारी पूरी
नेमरा गांव में अंतिम संस्कार को लेकर पूर्ण तैयारी की गई है। गांव और आसपास के क्षेत्रों से हजारों लोग “गुरुजी” को अंतिम बार विदा देने पहुंचे हैं।
पूरा क्षेत्र एक श्रद्धा और भावनाओं से भरे माहौल में डूबा हुआ है।
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