
चांडिल: दक्षिण पूर्व रेलवे (SER) में रेल सेवाओं को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। ₹324.54 करोड़ की लागत से कवच प्रणाली (Train Collision Avoidance System – TCAS) के क्रियान्वयन का प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया गया है।
यह परियोजना न केवल आधुनिक तकनीक से लैस होगी, बल्कि यह भविष्य की ट्रेनों को पूरी तरह से दुर्घटनामुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।
किन क्षेत्रों में लागू होगी कवच तकनीक?
कवच प्रणाली को दक्षिण पूर्व रेलवे के 525 रूट किलोमीटर (RKM) और 136 लोकोमोटिव्स पर स्थापित किया जाएगा। यह कार्य “SER कवच बैलेंस वर्क्स” परियोजना के अंतर्गत संचालित किया जाएगा।
कवच प्रणाली क्यों है खास?
यह प्रणाली ट्रेन संचालन के दौरान सिग्नल पार करने की मानवीय भूल को रोकने, टकराव की संभावनाओं को खत्म करने और स्वचालित ब्रेकिंग जैसे उपायों के द्वारा एक बिना दुर्घटना वाले रेल नेटवर्क की नींव रखती है।
प्रमुख लक्ष्य:
दक्षिण पूर्व रेलवे में 100% कवच कवरेज प्राप्त करना
सिग्नल उल्लंघन और टकराव की घटनाओं से पूरी सुरक्षा
भारतीय रेलवे के लिए एक शून्य-दुर्घटना लक्ष्य की ओर कदम
भारतीय रेलवे ‘स्मार्ट, सुरक्षित और विश्वसनीय नेटवर्क’ की दिशा में जिस तेजी से अग्रसर है, उसमें कवच प्रणाली की यह पहल निर्णायक भूमिका निभाएगी। खासकर ऐसे समय में जब बढ़ती जनसंख्या और रेल यातायात के दबाव के बीच यात्री सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बन चुकी है।
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