- विद्यालय प्रबंधन समिति की क्षमता वृद्धि और अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी पर बल
- शिक्षा योजनाओं की जानकारी से विद्यार्थियों और अभिभावकों में उत्साह
जादूगोड़ा : पोटका विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उत्क्रमित प्लस टू विद्यालय, जादूगोड़ा में गुरुवार को विशेष शिक्षक-अभिभावक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में स्थानीय विधायक संजीव सरदार बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालय प्रबंधन समिति की क्षमता वृद्धि, अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाना और बच्चों की शिक्षा, खेलकूद, परीक्षा परिणाम तथा विद्यालय संसाधनों के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करना था। बैठक की शुरुआत विधायक संजीव सरदार के स्वागत के साथ हुई, इसके बाद स्कूली बच्चों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का दिल जीत लिया।
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विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बच्चों ने बिखेरी प्रतिभा की रोशनी
अपने संबोधन में विधायक संजीव सरदार ने शिक्षा सुधार पर जोर देते हुए कहा कि झारखंड सरकार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई और समग्र विकास के लिए शिक्षक और अभिभावकों की संयुक्त जिम्मेदारी जरूरी है। विधायक ने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों की शिक्षा पर घर में ध्यान दें, सकारात्मक माहौल बनाएं और उनकी रुचियों – चाहे वह खेल, शिक्षा या कला हो – का सम्मान करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक शिक्षक और अभिभावक मिलकर प्रयास नहीं करेंगे, तब तक बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं होगा।
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अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी को विधायक ने बताया शिक्षा सुधार की कुंजी
अपने भाषण में विधायक संजीव सरदार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की शिक्षा योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब छात्रों को मुफ्त ड्रेस, किताबें, कॉपियां, साइकिल और छात्रवृत्ति उपलब्ध करा रही है। सावित्रीबाई फुले योजना के तहत छात्राओं को उच्च शिक्षा में विशेष सहयोग मिल रहा है, वहीं जयपाल सिंह मुंडा परदेशी छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की पूरी पढ़ाई का खर्च सरकार वहन कर रही है। विधायक ने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक तंगी या सामाजिक दबाव के कारण कोई भी बच्चा पढ़ाई बीच में न छोड़े। बैठक के दौरान प्रधानाध्यापक तपन कुमार साहू समेत कई शिक्षक, अभिभावक और विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में तय हुआ कि इस प्रकार की बैठक हर तीन महीने में आयोजित की जाएगी ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों के बेहतर उपयोग पर सामूहिक जिम्मेदारी निभाई जा सके।