Success Story: बकरी चराने वाले ने पास की UPSC परीक्षा, पहले प्रयास में ही मिली सफलता

Success Story: “बिरदेव तू पास हो गया, तू पास हो गया… तेरी UPSC में 551वीं रैंक आई है, तू अफ़सर बन गया!” जब यह शब्द बिरुदेव सिद्धाप्पा ढोणे ने अपने कानों से सुने, उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े। यह सिर्फ एक रिजल्ट नहीं था, बल्कि वर्षों के संघर्ष, त्याग, और मेहनत का फल था। महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के एक छोटे से गांव यमगे से निकलकर देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC को पहले ही प्रयास में पास करना, कोई मामूली बात नहीं है।

बचपन में वह भेड़-बकरियां चराते थे

बिरुदेव का जन्म एक ग़रीब धनगढ़ समुदाय में हुआ। बचपन में वह भेड़-बकरियां चराते थे। सिर पर गांधी टोपी, कंधे पर कंबल और पैरों में मोटी धनगढ़ी चप्पलें पहनकर वह खेतों और पहाड़ों में बकरियों के पीछे भागते थे। उनके पिता भी यही काम करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी।

एक घटना जिसने बदल दी जिंदगी

एक दिन बिरुदेव का मोबाइल फोन खो गया। जब वह पुलिस स्टेशन में शिकायत करने गए, तो उन्हें तवज्जो नहीं दी गई। उस अपमानजनक अनुभव ने उनके अंदर एक आग जगा दी। उसी दिन उन्होंने ठान लिया, “अब मैं खुद अफसर बनूंगा।”

कम संसाधनलेकिन मजबूत इरादे

बिरुदेव ने कोल्हापुर से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने स्व-अध्ययन के ज़रिए UPSC की तैयारी शुरू की। पढ़ाई के लिए न किताबों की भरमार थी, न कोई कोचिंग—सिर्फ मां-बाप का आशीर्वाद, गांव का समर्थन, और अपनी मेहनत।

UPSC 2024 परीक्षा में 551वीं रैंक

2024 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में बिरुदेव ने 551वीं रैंक हासिल की। यह सफलता उनके पहले ही प्रयास में मिली। अब वे ट्रेनिंग के बाद IPS (Indian Police Service) या अन्य केंद्रीय सेवा में अफसर बनेंगे।

क्या कहता है बिरुदेव का संदेश?

“अगर आपके पास संसाधन नहीं हैं, तो कोई बात नहीं। अगर आपके पास इरादा है, तो आप सब कुछ पा सकते हैं।” वह युवाओं को यही संदेश देते हैं कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर सपना बड़ा है और मेहनत सच्ची है, तो मंज़िल जरूर मिलेगी।

बिरुदेव की उपलब्धियां और आगे की राह

समाज के लिए रोल मॉडल, धनगढ़ समुदाय और ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरण, अफसर बनने के बाद शिक्षा और जागरूकता पर काम करने की इच्छा यह कहानी सिर्फ एक रिजल्ट की नहीं, एक क्रांति की है बिरुदेव ने यह साबित कर दिया कि सपने ऊँचाई नहीं देखते, सिर्फ हौसलों की उड़ान मांगते हैं। अब वो सिर्फ एक गांव का बेटा नहीं, बल्कि पूरे देश के युवाओं की उम्मीद बन चुका है।

Spread the love

Related Posts

Jharkhand: जमीन घोटाला मामले में CM हेमंत सोरेन MP-MLA कोर्ट में पेश, मिली जमानत

रांची:  जमीन घोटाला मामले में ईडी के समन की अवहेलना से जुड़े केस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को रांची स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। उनके साथ महाधिवक्ता राजीव…

Spread the love

Jamshedpur : विश्व दिव्यांगता दिवस पर सुंदरनगर चेशायर होम पहुंचे डालसा टीम, दिव्यांग बच्चों के बीच बांटी खुशियां

दिव्यांगजनों को कानूनी अधिकारों की जानकारी और सहयोग का भरोसा दिलाया गया विशेष बच्चों के लिए जागरूकता और सामाजिक सहयोग की महत्वपूर्ण पहल जमशेदपुर : विश्व दिव्यांगता दिवस के अवसर…

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *