
जमशेदपुर: पोटका प्रखंड के कुलडीहा पंचायत अंतर्गत ग्राम लिपिघुटु निवासी सुष्मा महाली का इलाज टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) में चल रहा था, जहां इलाज के दौरान उनका दुखद निधन हो गया. कुल बिल ₹2,58,352 तक पहुंच चुका था, परंतु गरीबी से जूझ रहे परिवार द्वारा केवल ₹29,500 ही जमा किया जा सका.बकाया राशि जमा न होने के कारण शव परिजनों को सौंपने से अस्पताल ने इंकार कर दिया, जिससे परिवार गहरे संकट में पड़ गया. इस संवेदनशील मामले की जानकारी मिलते ही पोटका विधायक संजीव सरदार ने त्वरित हस्तक्षेप किया. उन्होंने TMH प्रबंधन से विस्तारपूर्वक बातचीत कर परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी साझा की. मानवीय आधार पर ₹2,28,852 की बकाया राशि को माफ कराते हुए उन्होंने शव को परिजनों को सौंपे जाने का मार्ग प्रशस्त किया. इससे परिवार अंतिम संस्कार की प्रक्रिया संपन्न कर सका.
परिवार ने जताया विधायक के प्रति भावभीना आभार
असमय मौत और आर्थिक विवशता ने सुष्मा महाली के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया था. शव न मिलने की स्थिति में परिवार की पीड़ा और भी बढ़ गई थी. ऐसे कठिन समय में विधायक संजीव सरदार के संवेदनशील और सहृदय कदम ने उन्हें संबल दिया. परिजनों ने भावुक होकर कहा, “अगर विधायक जी समय पर मदद नहीं करते, तो हमें अपमानजनक और पीड़ादायक हालात का सामना करना पड़ता.”
“जनता की सेवा ही मेरा धर्म” : विधायक संजीव सरदार
इस प्रसंग पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक संजीव सरदार ने कहा, “एक जनप्रतिनिधि का सबसे बड़ा कर्तव्य है कि वह जनता की पीड़ा को महसूस करे और संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा रहे.” उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे आगे भी हर जरूरतमंद के लिए संबल बनकर खड़े रहेंगे. उन्होंने कहा कि यदि व्यवस्था मानवीय हो तो गरीब की अंतिम यात्रा भी सम्मान से हो सकती है.
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