
राँची: झारखंड के Central Coalfields Limited (CCL) पिपरवार क्षेत्र में एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि 22 लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से नौकरी और मुआवजा प्रदान किया गया। आरोप है कि इस फर्जीवाड़े में टंडवा अंचल कार्यालय और CCL के अधिकारियों की मिलीभगत है। इस पूरे घोटाले में फर्जी वंशावली प्रमाण पत्र, लगान रसीद, हुकुमनामा और नक्शा जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। एक संगठित गिरोह द्वारा न केवल दस्तावेज तैयार किए गए, बल्कि उनमें बनावटी हस्ताक्षर कर सरकारी योजनाओं का लाभ लिया गया।
जांच में यह बात सामने आई है कि भूमि अधिग्रहण क्षेत्र के बाहर के लोगों को भी विस्थापित दर्शाकर नौकरी और मुआवजा दिया गया।
FIR के बाद CID ने संभाली जांच
29 मार्च 2025 को चतरा के तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वैभव कुमार सिंह की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के आधार पर यह मामला अब सीआईडी के अधीन है। एजेंसी ने दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर यह पाया है कि सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी कर ग़ैरकानूनी ढंग से नियुक्तियाँ की गईं।
किन-किन लोगों को मिली फर्जी नौकरी?
जिन 22 लोगों को इस घोटाले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी मिली, उनमें शामिल हैं:
सुरेन भुइया, सीमा भुइया, सरिता देवी, बुधन भुइयां, गोपी भुइयां, किशन भुइयां, पुनम कुमारी, मनोहर राम, करन भुइयां, अमित कुमार, विजय भुइयां, बिरेन कुमार भुइयां, कौलेश्वर कुमार, इस्माइल अंसारी, इब्राहिम, रिजवान, अनवर अंसारी, अफताब अंसारी, शगुफ्ता अंजुम, नुमान अंसारी, मोशीन कमल और खुर्शीद अंसल।
जांच रिपोर्ट में CCL और अंचल कार्यालय के कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संलिप्तता को लेकर गहरी शंका जताई गई है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही एफआईआर, गिरफ्तारी और विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
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