
जमशेदपुर: झारखंड राज्य समाज कल्याण आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के संयोजक जय प्रकाश पांडेय ने जानकारी दी है कि झारखंड के 24 जिलों की हजारों सेविका व सहायिका अपनी लंबित मांगों को लेकर दिल्ली जंतर मंतर पर धरने में शामिल होने के लिए विभिन्न ट्रेनों से रवाना हो चुकी हैं।
देशभर के राज्यों—बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, असम, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, गोवा, आंध्रप्रदेश, गुजरात और कर्नाटक—से लाखों की संख्या में सेविकाएं दिल्ली पहुंच रही हैं, जो 18 जुलाई से जंतर मंतर पर विस्तृत प्रदर्शन करेंगी।
संघ का कहना है कि सेविका और सहायिकाओं को आज तक न तो कर्मचारी का दर्जा मिला है, न पेंशन, ग्रेच्युटी या कोई स्थायी वेतनमान। जबकि सरकार महिलाओं के 33% आरक्षण की बात कर उनके सशक्तिकरण की तस्वीर प्रस्तुत कर रही है, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का दशकों से शोषण होता रहा है।
जय प्रकाश पांडेय ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि “जब तक सेविका-सहायिका जैसी आधारभूत कार्यबल को मान्यता नहीं दी जाएगी, तब तक भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना महज़ एक कल्पना है। देश को कुपोषण मुक्त बनाने का दावा तब तक अधूरा रहेगा जब तक ज़मीनी कार्यकर्ता उपेक्षित रहेंगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के दौरान और अब 2025 की संभावित लहर में भी सेविका-सहायिका अग्रिम पंक्ति में कार्य करने को तत्पर हैं। इसके बावजूद उन्हें सम्मान और अधिकारों से वंचित रखा गया है।
पांडेय ने कहा कि आंगनवाड़ी सेविकाओं की मांगें कई बार संसद में उठ चुकी हैं, फिर भी केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
दिल्ली में होने वाले इस ऐतिहासिक प्रदर्शन का नेतृत्व झारखंड से प्रदेश अध्यक्ष देवती देवी, महामंत्री अशोक नयन और संयोजक जय प्रकाश पांडेय कर रहे हैं।
मांगों की स्पष्ट रूपरेखा
सेविकाओं की प्रमुख मांग है कि:
आंगनवाड़ी कर्मियों को राज्य या केंद्र सरकार का कर्मचारी दर्जा दिया जाए।
रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी की व्यवस्था की जाए।
वेतनमान में वृद्धि की जाए।
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