
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में शुक्रवार को वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन हुए. जुमे की नमाज़ के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्र होकर सड़कों पर उतर आए. सबसे ज़्यादा असर मुर्शिदाबाद, मालदा और कोलकाता के कुछ हिस्सों में देखा गया. कई स्थानों पर सड़कों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया गया.
मुर्शिदाबाद में स्थिति गंभीर, पुलिसकर्मी घायल
मुर्शिदाबाद जिले के सुती में निषेधाज्ञा के बावजूद भारी भीड़ जुटी. प्रदर्शन के दौरान हालात बिगड़ गए. पुलिस वैन और एक सार्वजनिक बस को आग के हवाले कर दिया गया. पथराव में 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए. एक नाबालिग बच्ची भी गोलीबारी की चपेट में आ गई. उसे कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
सड़क से लेकर रेलवे तक बवाल
शमशेरगंज से सुतिर सजुर मोड़ तक राष्ट्रीय राजमार्ग-12 का हिस्सा प्रदर्शनकारियों ने जाम कर दिया. वहीं, मालदा में रेल पटरियों पर धरने की वजह से ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं. पूर्वी रेलवे के फरक्का-आज़िमगंज खंड पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई. धूलियानगंगा स्टेशन के पास लगभग 5000 लोगों की भीड़ रेलवे ट्रैक पर बैठ गई, जिससे कई ट्रेनों को रास्ते में ही रोकना पड़ा.
लाठीचार्ज और आंसू गैस से हालात काबू में
प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर बम जैसे पदार्थ फेंके. स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और बाद में आंसू गैस के गोले छोड़े. अब तक 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रेलवे पुलिस, जीआरपी और स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर मौजूद रही.कोलकाता में आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ रैली निकाली. रैलीकारियों ने पुलिस अवरोधकों को पार कर ‘सेवन पॉइंट क्रॉसिंग’ पर भी कुछ समय के लिए रास्ता रोका.
बीएसएफ की तैनाती, राज्यपाल की सख़्त चेतावनी
मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में भीड़ को काबू में करने के लिए बीएसएफ को तैनात किया गया. बीएसएफ डीआईजी नीलोत्पल कुमार पांडे ने कहा कि स्थिति बिगड़ने पर तुरंत हस्तक्षेप किया गया. राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राज्य सरकार से कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों पर तुरंत कार्रवाई की जाए.
भाजपा का हमला, सरकार पर गंभीर आरोप
भाजपा नेता अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहती हैं. विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी पुलिस और राज्य मंत्रियों को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि विरोध करना लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन हिंसा का सहारा लेना उचित नहीं.
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