
पश्चिमी सिंहभूम: स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों को नमन करते हुए डीएवी संस्था के राँची एवं जमशेदपुर संभाग के पूर्व निदेशक एस. के. लूथरा ने डीएवी चिड़िया के शैक्षणिक प्रदर्शन को पूरे क्षेत्र की पहचान बताया. उन्होंने कहा कि यह विद्यालय अब शिक्षा की नई मिसाल बन चुका है.
पूर्व निदेशक लूथरा ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विद्यालय की स्थापना के बाद से ही वे लगातार जमशेदपुर से आकर डीएवी चिड़िया का दौरा करते रहे हैं. सेल प्रबंधन से करोड़ों रुपये की राशि स्वीकृत कराकर उन्होंने विद्यालय के भवन निर्माण में अभूतपूर्व भूमिका निभाई.

आधुनिक प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय और सभागार ने बढ़ाई शिक्षा की गुणवत्ता
उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप विद्यालय के नए भवन में कक्षा अष्टम से दशम तक की पढ़ाई हो रही है. यहां भौतिकी, रसायन एवं जीव विज्ञान की अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं. साथ ही पुस्तकालय एवं सभागार कक्ष भी इस भवन की शान बने हुए हैं.
इस सभागार में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता है. श्री लूथरा का एक ही उद्देश्य है – डीएवी चिड़िया निरंतर प्रगति करे और विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान होती रहे.
क्षेत्र में बना एक नया शैक्षणिक मानक
कक्षा दशम का परीक्षा परिणाम इस विद्यालय की शैक्षणिक गंभीरता और गुणवत्ता को दर्शाता है, जिसने मनोहरपुर क्षेत्र में डीएवी चिड़िया को नई पहचान दिलाई है. सारंडा के घने जंगलों में स्थित इस विद्यालय में प्रातः और अपराह्न कालीन निःशुल्क कोचिंग द्वारा विद्यार्थियों को संवारने का कार्य शिक्षक कर रहे हैं.
लूथरा ने सेल चिड़िया के पदाधिकारियों का आभार जताया और विश्वास प्रकट किया कि आने वाले वर्षों में विद्यालय का परीक्षा परिणाम और भी बेहतर होगा. उन्होंने सेल चिड़िया के महाप्रबंधक रवि रंजन, विकास दयाल और विद्यालय के प्राचार्य डॉ. शिव नारायण सिंह की सराहना की.

शिक्षा मानव जीवन की सफलता की नींव: प्राचार्य डॉ. शिव नारायण सिंह
डीएवी चिड़िया के प्राचार्य डॉ. शिव नारायण सिंह बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सतत प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा मानव की सफलता का आधार है और इसके लिए विद्यालय में हरसंभव श्रेष्ठ व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.
उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने घरों में बच्चों के लिए अध्ययन का अनुकूल वातावरण बनाएं. उनका मानना है कि जब घर का माहौल बेहतर होगा, तो बच्चे भी स्वाभाविक रूप से अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
क्षेत्रीय प्रतिभाओं को तराशने का केंद्र बना डीएवी चिड़िया
प्राचार्य ने कहा कि इस क्षेत्र के बच्चों में अद्भुत प्रतिभा है, जिसे उचित मार्गदर्शन और अभ्यास की आवश्यकता है. विद्यालय न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता की ओर अग्रसर है, बल्कि सांस्कृतिक, कलात्मक एवं क्रीड़ा गतिविधियों में भी बच्चों ने अपनी पहचान बनाई है.
विद्यालय में विज्ञान प्रयोगशालाएं, विषय आधारित कक्षाएं, कराटे, कबड्डी, फुटबॉल, योग और एथलेटिक्स की नियमित कक्षाएं आयोजित की जाती हैं. कला और संगीत की शिक्षा भी विद्यालय को समग्र विकास की दिशा में अग्रसर कर रही है.
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