
पश्चिमी सिंहभूम: पश्चिमी सिंहभूम जिला के चर्चित चक्रधरपुर थाना कांड संख्या-37/2023 में सोमवार को न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया. गांजा रखने, बेचने और अवैध देसी हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार दो अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया, जबकि एक अभियुक्त को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.
क्या था मामला?
25 फरवरी 2023 को चक्रधरपुर थाना में एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. तीन अभियुक्तों
गंझू मुंडा, पिता बाबू मुंडा, निवासी कुंभा टोली
सुरज बानरा उर्फ करिया, पिता राजेन्द्र बानरा, निवासी गैंगखोली
सागर राम उर्फ गजनी, पिता स्वर्गीय मंगल राम, निवासी टोकलो रोड (चंदन टेंट हाउस के सामने)
के विरुद्ध गांजा की तस्करी और अवैध हथियार रखने का आरोप था.
गैंगखोली से मिली थी पुख्ता सूचना
24 फरवरी 2023 की रात करीब 8 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि गैंगखोली रनिंग रूम के पास स्थित कुछ झोपड़ीनुमा घरों में गांजा बेचा जा रहा है. सूचना मिलते ही वरीय अधिकारियों को अवगत कराकर छापामारी दल गठित किया गया. कार्रवाई के दौरान गांजा, नकद राशि और एक देसी पिस्तौल बरामद की गई.
गंभीरता से हुई जांच, वैज्ञानिक ढंग से जुटाए गए साक्ष्य
पुलिस द्वारा सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया. बाद में वैज्ञानिक पद्धति से साक्ष्य एकत्र कर आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया गया.
13 मई 2025 को आया फैसला
माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा की अदालत ने सोमवार को एनडीपीएस केस संख्या 06/2023 में फैसला सुनाया.
सजा का विवरण
गंझू मुंडा को धारा 20(बी) एनडीपीएस एक्ट में 7 वर्ष की सजा तथा ₹25,000 का जुर्माना.
सुरज बानरा को
धारा 20(ए) एनडीपीएस एक्ट में 1 वर्ष की सजा व ₹5,000 जुर्माना.
धारा 25 (1-बी)(ए) आर्म्स एक्ट में 4 वर्ष की सजा व ₹5,000 जुर्माना.
सागर राम उर्फ गजनी को अदालत ने दोषमुक्त करार दिया.
क्या अब तस्करों पर टूटेगा कानून का कहर?
यह फैसला कानून के कड़े रुख का प्रतीक माना जा रहा है. कोर्ट द्वारा दी गई सजा यह संकेत देती है कि नशीले पदार्थों और अवैध हथियारों के व्यापार में संलिप्त लोगों के लिए अब बख्शिश की कोई गुंजाइश नहीं बची.
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