
जादूगोड़ा: पोटका और जादूगोड़ा क्षेत्र में बिना चालान के सड़कों पर दौड़ रही महंगे बालू और गिट्टी के खिलाफ क्षेत्रीय जनता परेशान है, जबकि बालू माफिया और अन्य सफेदपोश लोग इस काले धंधे से खूब लाभ उठा रहे हैं. इस मामले में सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है. इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए दिशा नामक संस्था के अध्यक्ष तरनी सेन माझी ने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का निर्णय लिया है. धरने का आज चौथा दिन है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
बालू और गिट्टी के अवैध कारोबार के कारण गरीबों को हो रही परेशानी
जादूगोड़ा से लेकर पोटका की मुख्य सड़क, टीलाई टॉड और हरिजन बस्ती में छिपाकर रखे गए बालू और गिट्टी की खेप कई लोगों की जेबें गर्म कर रही हैं. यह काला कारोबार वर्षों से फल-फूल रहा है और गरीबों का भविष्य इससे बर्बाद हो रहा है. अवैध बालू और गिट्टी के कारण गरीबों को अबुआ आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. एक हजार रुपये में मिलने वाला बालू सात हजार रुपये में बिक रहा है, वहीं गिट्टी भी आठ हजार रुपये में मिल रही है. इससे गरीबों के लिए अपना घर बनाना एक सपना बनकर रह गया है.
आंदोलन की आवाज दिल्ली तक पहुंचेगी अगर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया
तरनी सेन माझी का कहना है कि अगर प्रशासन ने इस अवैध कारोबार के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो वह उपायुक्त कार्यालय में अपनी आवाज उठाएंगे और जरूरत पड़ी तो यह आंदोलन दिल्ली के जंतर-मंतर तक पहुंचाएंगे. उनका उद्देश्य गरीबों को सस्ते दर पर बालू और गिट्टी उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपने घर बना सकें और अबुआ आवास योजना का पूरा लाभ ले सकें.
प्रशासन से मांग, अवैध कारोबार पर कड़ी कार्रवाई हो
इस मुद्दे को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि इस अवैध बालू और गिट्टी के कारोबार का संरक्षण किससे मिल रहा है? प्रशासन को इस अवैध कारोबार पर रोक लगाने की जरूरत है ताकि जरूरतमंद लोगों को उचित दरों पर सामग्री मिल सके और गरीबों का सपना पूरा हो सके.
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