
जमशेदपुर: सामाजिक चिंतक और अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक चेतन आनंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि केवल बयान देने और जीरो टॉलरेंस की बात करने से अपराध नहीं रुकते, कार्रवाई ज़रूरी है. पप्पू के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन अपराधों पर चुप हैं जिनमें उनके गठबंधन से जुड़े विधायक शामिल हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता में बने रहने के लिए जातिगत समीकरणों का खेल खेल रहे हैं और अपराध पर नियंत्रण की बजाय सिर्फ बातें कर रहे हैं. उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि अगर एक फोन कॉल की धमकी पर विधायक भाई वीरेंद्र पर कार्रवाई की जा सकती है, तो फिर चेतन आनंद पर अब तक कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाया गया?
आनंद परिवार की मानसिकता पर उठाए सवाल
सुधीर पप्पू ने कहा कि चेतन आनंद के पिता आनंद मोहन एक दलित आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या में दोषी ठहराए जा चुके हैं. ऐसे में यह परिवार आज भी सामंतवादी सोच का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने चेतन आनंद की मानसिकता को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया.
चिकित्सकों के पक्ष में, आंदोलन को बताया उचित
पप्पू ने कहा कि डॉक्टर समाज के लिए भगवान के समान हैं. यदि एम्स जैसे संस्थानों के डॉक्टरों के साथ बाहुबली विधायक इस तरह का व्यवहार कर सकते हैं, तो राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर किस भय में काम करते होंगे, इसकी कल्पना करना कठिन नहीं. उन्होंने चेतन आनंद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और कहा कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, तब तक चिकित्सकों की हड़ताल को सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिलना चाहिए. उन्होंने इस संघर्ष को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की जरूरत पर भी बल दिया.
लोकतंत्र में ज़रूरी है जवाबदेही
सुधीर कुमार पप्पू का कहना है कि लोकतंत्र में ऐसे तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता जो कानून को अपनी जेब में समझते हैं. उन्होंने पूछा कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सचमुच लोकप्रिय हैं और लोकतंत्र के पक्षधर हैं, तो उन्हें चेतन आनंद जैसे लोगों की क्या ज़रूरत है? उन्होंने अपील की कि मुख्यमंत्री बिहार की छवि को अपराध और बाहुबल की राजनीति से बचाएं और चेतन आनंद पर निष्पक्ष और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें.
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