
चक्रधरपुर : जिला शिक्षा पदाधिकारी टोप्पो ने कहा कि अजय कुमार महतो शिक्षकों को गुमराह कर दिगभ्रमित करने का कार्य कर रहा है। जिसके चलते पश्चिमी सिंहभूम जिला के साथ अन्य जिलों में भी गलत संदेश के साथ विरोध किया जा रहा है। अजय महतो पहले से विवाद में है, जब उनका स्थानानंतरण रद्द कर दिया गया है तो वह क्यों इससे परेशान है। मेरे से पूर्व ही तत्कालीन डीईओ के द्वारा उनको स्पष्टिकरण समेत स्थानांतरण रद्द किया जा चुका है। उसके विरुद्ध में विभागीय पदाधिकारी कोई कार्रवाई करते हैं तो वह शिक्षकों को गलत दिशा में ले जा कर हंगामा कराना चाह रहा है। यह किसी भी हालत में सही नहीं है। शिक्षकों को भी समझना चाहिए कि अजय महतो पहले से ही विवाद में रहा है। जिसके खिलाफ में कई बार अखबारों में छप चुका है।
स्कूल से गायब रहने के मामले में भी स्पष्टिकरण मांगा गया
चक्रधरपुर के चैनपुर में प्रशिक्षुओं प्रेक्टिकल के नाम से अपने बैंक खाता में पैसा लेने का आरोप भी लगा है, जिसका पूरा सबूत विभाग के पास मौजूद है। स्कूल से गायब रहने के मामले में भी स्पष्टिकरण किया गया है। आनलाइन एटेंडेंस में अनुपस्थित व देर से आना व तत्काल ही विद्यालय छोड़ने का रिकार्ड पंचिंग मशीन में रिकार्ड दर्ज है। कुछ दिन एक परिवाद प्राप्त हुआ, जिसमें जांच करने पर नया मामले में उनका शैक्षणिक प्रमाण पत्र जांच किया गया तो वह पूरी तरह फर्जी दिखाई दे रहा है। क्योंकि अजय कुमार महतो के द्वारा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना से मैट्रिक की परीक्षा 1993 में उत्तीर्णता प्राप्त की गई है। जबकि जेएनएम संस्कृत युसीएच विद्यालय चाईबासा से भी 1993 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्णता दिखाया गया है। वहीं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना से मैट्रिक एवं इंटर के प्रमाण पत्र में जन्मतिथि 25 अप्रैल 1998 अंकित है, जबकि जेएनएम संस्कृत युसीएच विद्यालय चाईबासा से मैट्रिक व इंटर के प्रमाण पत्र में जन्मतिथि 5 नवंबर 1977 अंकित है। अजय कुमार महतो की दो जन्म तिथि है।
विभागीय नियम सम्मत कार्रवाई किया जायेगा
जबकि उनकी माता बड़ामनी कुमारी देवी सहायक शिक्षिका जो वर्तमान समय प्राथमिक विद्यालय बाझीकुसुम चक्रधरपुर में पदस्थापित है। उनका जन्म तिथि 4 मार्च 1967 है। पुत्र एवं माता की जन्मतिथि में मात्र 10 वर्ष का अंतर कैसे हो सकता है। यह पूरी तरह फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बनाया गया है। डीईओ ने कहा कि अजय कुमार महतो प्रखंड सांसाधन केंद्र चक्रधरपुर अंतर्गत संकुल साधन सेवी के रुप में वर्ष 2006 से नियमित कार्यरत रहे हैं। जबकि इसी क्रम में अजय कुमार महतो के द्वारा नियमित छात्र के रुप में 2007 में 500 किलो मीटर दूर स्नातोत्तर डिग्री राजकीय संस्कृत महाविद्यालय भागलपुर से एवं वर्ष 2008 में बीएड की डिग्री जेएलएन कालेज चक्रधरपुर से कैसे प्राप्त कर लिया गया। जबकि सरकार में नियम है कि किसी भी विभाग में नियमित कार्य करने वाले कर्मी दूसरे जगह रेगुलर शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते हैं, लेकिन इन्होंने नियमित डिग्री कैसे प्राप्त कर लिये। इस पर भी जांच किया गया है, विभागीय नियम सम्मत कार्रवाई किया जायेगा। कुछ साल बाद जब शिक्षा विभाग के जांच में उनका फर्जी प्रमाण पाया गया था तो उनकी सेवा संकुल साधन सेवी से समाप्त कर दी गई थी। 2015 में संस्कृत शिक्षक के रुप में नौकरी किये हैं। विभाग को हमेशा अंधकार में रह कर कार्य किये हैं।
शिक्षक बहकावे में नहीं आकर शिक्षण कार्य पर ध्यान दें
– डीईओ ने किहा कि इसके अलावा जब शिक्षक संघ उपायुक्त से मिल कर पारदर्शिता के साथ जांच समिति का गठन कर जांच करने की मांग किये थे। जिस पर उपायुक्त ने अपर उपायुक्त व अनुमंडल पदाधिकारी के स्तर के पदाधिकारी से जांच करा रहे है तो शिक्षकों को जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था। लेकिन बिना मतलब के एक फर्जी शिक्षक के बहकावे में आकर लगातार विरोध करना किसी भी हालत में सही नहीं है। शिक्षक अपने कार्य पर ध्यान दें और शिक्षा के स्तर को बेहतर करने में पूर्ण योगदान दें। एक शिक्षक जो हर जगह गलत है, उस पर विभाग के द्वारा गलत पाया जायेगा तो निश्चित रुप से कार्रवाई की जायेगी। बिना जाने शिक्षक झुठे षडयंत्र में नहीं आये और बच्चों व विद्यालय पर विशेष ध्यान दें।
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