
जमशेदपुर: राँची के प्रख्यात साहित्यकार और समाजसेवी डॉ. मयंक मुरारी को ‘तुलसी सारस्वत सम्मान 2025’ से सम्मानित किया जाएगा. यह निर्णय सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन और तुलसी भवन की कार्यकारिणी द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया है. यह सम्मान उन साहित्यिक और सामाजिक व्यक्तित्वों को दिया जाता है, जिन्होंने भारतीय चिंतन और लोककल्याण की दिशा में विशेष कार्य किए हों.
डॉ. मुरारी न केवल एक विचारशील लेखक हैं, बल्कि समाज के टिकाऊ विकास के लिए जमीनी स्तर पर भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. वे बीते तीन दशकों में 18 पुस्तकें और 700 से अधिक लेख, रिपोर्ट और विश्लेषण भारतीय अखबारों व पत्रिकाओं में लिख चुके हैं. उनके लेखन में भारतीय ज्ञान परंपरा, सामाजिक चेतना और आत्मनिर्भरता जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाता है.
वर्तमान में वे उषा मार्टिन में महाप्रबंधक (सीएसआर एवं पीआर) के रूप में कार्यरत हैं. वे पिछले 15 वर्षों से गांवों के समावेशी और टिकाऊ विकास को लेकर लगातार प्रयासरत हैं. उन्होंने देशभर में विभिन्न मंचों से व्याख्यान देकर जन-जागरूकता को एक नई दिशा दी है.
सम्मान स्वरूप उन्हें ₹51,000 की धनराशि, अंगवस्त्र, श्रीफल, स्मृति चिन्ह, पुष्पगुच्छ और सम्मान पत्र प्रदान किया जाएगा. यह सम्मान पहले भी कई प्रतिष्ठित हस्तियों को दिया जा चुका है, जिनमें करुणाशंकर उपाध्याय (मुंबई), अशोक भगत (गुमला), स्व. पुरुषोत्तम दास झुनझुनवाला (चाकुलिया) और व्याकरणविद् डॉ. कमलेश कमल शामिल हैं.
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