
रांची: 28 फरवरी, शुक्रवार, झारखंड के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए बड़ा कदम उठाया. खासकर प्राइमरी स्कूलों में पठन-पाठन को डिजिटल और बेहतर बनाने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने 28,945 टैबलेट वितरण करने का निर्णय लिया. इन टैबलेट्स का उपयोग छात्रों के शिक्षा में सुधार के अलावा, शिक्षकों की ट्रेनिंग, मॉनिटरिंग और बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के कार्यों में भी किया जाएगा.
टीचर्स के लिए जिम्मेदारी और सुरक्षा
इन टैबलेट्स की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी स्कूल के हेडमास्टर इंचार्ज और शिक्षकों पर होगी. यदि टैबलेट चोरी हो जाती है या फिर उनका फिजिकल डैमेज होता है, तो संबंधित शिक्षक से ही उसका हर्जाना वसूला जाएगा. टैबलेट को स्कूल की संपत्ति माना जाएगा और उसका संरक्षण सुनिश्चित करना शिक्षक की जिम्मेदारी होगी. टैबलेट वितरण में गिरिडीह जिला सबसे आगे रहा, जहां 2776 टैबलेट्स का वितरण हुआ. इसके बाद पलामू जिले में 2323, दुमका जिले में 1797 और पश्चिम सिंहभूम में 1772 टैबलेट्स दिए गए. राजधानी रांची को 1456, गढ़वा को 1265, हजारीबाग को 1201, सिमडेगा को 468, खूंटी को 491 और रामगढ़ को 468 टैबलेट्स दिए गए हैं.
स्वास्थ्य बीमा योजना का ऐलान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यकर्मियों और उनके आश्रितों के लिए एक और महत्वपूर्ण योजना का ऐलान किया. इस योजना के तहत राज्यकर्मियों को हर साल 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मुफ्त मिलेगा. गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए इस योजना में 10 लाख रुपये तक की राशि खर्च की जाएगी.
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