
रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा आदेश देते हुए कहा है कि 15 साल से अधिक सेवा देने वाले अस्थायी कर्मियों को पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए। बुधवार को जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने जल संसाधन विभाग के 18 अस्थायी कर्मियों के पक्ष में फैसला सुनाया। इनमें सुरेंद्र नाथ महतो समेत 16 कर्मचारियों ने याचिका दायर की थी।
याचिका में बताया गया था कि इन कर्मियों को 1980 के दशक में अस्थायी आधार पर रेंट कलेक्टर, क्लर्क और अमीन के पदों पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने 15 से 30 साल तक लगातार सेवा की, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें पेंशन और ग्रेच्युटी नहीं मिली।
राज्य सरकार ने इन्हें ‘सीजनल कर्मी’ बताया था
हाईकोर्ट ने बिहार पेंशन नियमावली, 1950 के नियम 59 और 1969 व 1975 के सरकारी संकल्पों का हवाला देते हुए कहा कि 15 साल से अधिक निरंतर सेवा करने वाले अस्थायी कर्मचारी भी पेंशन पाने के हकदार हैं।
अदालत ने स्पष्ट किया कि इन कर्मियों की सेवा न तो अनियमित थी और न ही सीजनल, बल्कि वे लगातार स्थायी पदों पर काम कर रहे थे।
कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि चार महीने के भीतर सभी पेंशन और ग्रेच्युटी लाभ प्रदान किए जाएं और सेवानिवृत्ति की तिथि से लंबित बकाया राशि का भुगतान भी किया जाए।
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