
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह और महामंत्री आरके सिंह ने पुणे के हिंजावडी में आयोजित तीन दिवसीय इंडस्ट्रियल ग्लोबल यूनियन ऑटोमोटिव सेक्टर वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस (4-6 मार्च) में हिस्सा लिया. इस सम्मेलन में दुनिया भर से कई देशों के विशेषज्ञ और विभिन्न कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.
इस सम्मेलन में भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग के संदर्भ में विभिन्न चुनौतियों, वैश्विक परिप्रेक्ष्य, और श्रमिकों व यूनियनों के सामने आने वाली समस्याओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ. तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे और उपस्थित प्रतिनिधियों ने चुनौतियों से निपटने के सुझाव दिए.
उपस्थित विशेषज्ञों और नेताओं के विचार
सम्मेलन में प्रमुख वक्ताओं में क्रिस्टीना ओलिवियर, इंडस्ट्रीऑल ग्लोबल यूनियन की सहायक महासचिव, जेसन वेड, यूएडब्ल्यू, यूएसए के राष्ट्रपति, संजय वाधवकर, एसएमईएफआई, भारत के महासचिव, संजय सिंह, INSMM&EEF, भारत के कार्यकारी अध्यक्ष, किशोर सोमवंशी, SEM, भारत के अध्यक्ष, और आशुतोष भट्टाचार्य, इंडस्ट्रियल ग्लोबल यूनियन के क्षेत्रीय सचिव शामिल थे.
विशेषज्ञों ने भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की
इस कार्यशाला के दौरान, थिलागम रामलिंगम, इंडस्ट्रियल ग्लोबल यूनियन के क्षेत्रीय अधिकारी ने भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग के परिप्रेक्ष्य और चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और विशेषज्ञों ने इस पर सुझाव दिए कि कैसे इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है.
पैनल चर्चा में भारतीय ऑटो यूनियनों की सक्रिय भागीदारी
पैनल चर्चा में भारतीय ऑटो यूनियनों के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे. इसमें एस.डी. त्यागी, एसएमईएफआई, भारत, जुस्को यूनियन के रघुनाथ पांडे, ऑल इंडिया इंटक के महामंत्री संजय कुमार सिंह, आईएनएसएमएमएंडईईएफ, भारत के महासचिव संपत रंगासामी, डब्ल्यूपीटीयूसी, भारत के उपाध्यक्ष विद्या तांबे, एसईएम, भारत, बालाजी कृष्णन, रेनॉल्ट निसान वर्कर्स यूनियन, भारत और आनंद कुमार आर., वोल्वो वर्कर्स यूनियन (बस), भारत ने हिस्सा लिया.
वैश्विक अवलोकन और चुनौतियों पर चर्चा
कार्यशाला में वैश्विक अवलोकन और उद्योग, श्रमिकों एवं यूनियनों के लिए प्रमुख चुनौतियों पर भी चर्चा की गई. इस विषय पर मार्टिन लुंडस्टेड, वोल्वो एबी के सीईओ, डॉ. लोरेंजा मोनाको (पीएचडी, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन) और फेलो सीआईएमईटी ने अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने बताया कि कैसे वैश्विक स्तर पर ऑटोमोटिव उद्योग को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें किस प्रकार समाधान की आवश्यकता है.
पैनल चर्चा में अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों का योगदान
इस पैनल चर्चा में विभिन्न देशों के यूनियन के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए. इनमें जीन-मिशेल टिस्सेरे (CFDT, फ्रांस), रोहनी शैम्पेन (ABVV मेटल, बेल्जियम), बेन नॉर्मन (यूनाइट द यूनियन, यू.के.), हिदेयुकी हिरिकावा (जे.सी.एम., जापान), विनाई टीनाटानोद (टीम, थाईलैंड), एड्रियन हेमीज़ (आई.जी. मेटल, जर्मनी), अलेक्जेंडर ज़ुज़ा (आईएफ मेटल, स्वीडन) जैसे प्रमुख प्रतिनिधि शामिल थे.
कार्यशाला में ‘जस्ट ट्रांजिशन’ पर जोर
कार्यशाला के दौरान, ‘जस्ट ट्रांजिशन’ को व्यवहार में लाने पर विशेष ध्यान दिया गया. इस पर विभिन्न देशों से विचारों का आदान-प्रदान हुआ और बताया गया कि कैसे दुनियाभर के यूनियन और उद्योगों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए.
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