
देवघर. बिहार राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल रविवार को देवघर पहुंचे और बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की. उन्होंने बाबा बैद्यनाथ से प्रार्थना की कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बनें और एनडीए को व्यापक जीत हासिल हो.
सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार में बीपीएससी परीक्षाओं, विपक्षी दलों की राजनीति और बिहार के विकास के लिए विशेष पैकेज की मांग पर विस्तार से चर्चा की.
बीपीएससी आंदोलन: हक की लड़ाई या राजनीति का अखाड़ा?
बीपीएससी परीक्षाओं को लेकर हो रहे आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए विकल ने कहा कि बीते महीनों में बीपीएससी ने बड़ी संख्या में युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं. चाहे वह दारोगा की बहाली हो या शिक्षकों की भर्ती.
उन्होंने कहा कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण कुछ पक्षों को असंतोष हो सकता है, लेकिन विपक्ष ने इस आंदोलन को हाइजैक कर लिया है. विपक्षी नेता इसे अपने प्रचार का माध्यम बना रहे हैं.
राजनीतिक दलों की होड़
• विकल का कहना है कि विपक्षी नेता छात्रों के इस आंदोलन को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
• कोई राज्यपाल के पास जाकर ज्ञापन दे रहा है, तो कोई कंबल बांटकर अपना चेहरा चमका रहा है.
• आंदोलन में न कोई गांधी, न जयप्रकाश, और न ही लोहिया जैसे नेता दिखते हैं. यह केवल वर्चस्व की लड़ाई बनकर रह गई है.
बिहार को विशेष पैकेज: संजय झा की कोशिशें जारी
विकल ने बताया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. हालांकि, केंद्र सरकार ने इसे अभी तक स्वीकार नहीं किया है.
विशेष पैकेज से विकास की नई उम्मीदें
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा लगातार प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री से मिलकर बिहार को विशेष पैकेज दिलाने के लिए प्रयासरत हैं.
• उनका कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीमित संसाधनों के बावजूद बिहार को बीमारू राज्यों की श्रेणी से निकालकर एक विकसित राज्य बनाया है.
• अगर केंद्र से विशेष पैकेज मिले, तो बिहार को गुजरात की श्रेणी में खड़ा किया जा सकता है.
नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस ठंड के मौसम में प्रगति यात्रा पर निकले हैं. वह जिलों में जाकर समीक्षा बैठकें कर रहे हैं और आम जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं.
विकल ने कहा, “नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं. अगर केंद्र सरकार बिहार को समर्थन दे तो राज्य का और तेज विकास हो सकता है.”
प्रेसवार्ता में मौजूद नेताओं का समर्थन
इस अवसर पर जदयू के जिलाध्यक्ष सतीश दास, प्रखंड अध्यक्ष मिथिलेश मेहता, और जिला सचिव राजकुमार दास ने भी विकल के विचारों का समर्थन किया.
क्या केंद्र सरकार बिहार को विशेष पैकेज देगी? अगर हां, तो क्या इससे बिहार का भविष्य गुजरात जैसा उज्ज्वल हो सकेगा? यह सवाल आज भी प्रासंगिक बना हुआ है.
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