
देवघर: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर देवघर के बैंक कर्मचारियों ने एसबीआई साधना भवन के समक्ष प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में राष्ट्रीयकृत बैंकों, ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और निजी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया. यह आंदोलन देशभर में बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों की बढ़ती समस्याओं, सरकार की कर्मचारी-विरोधी नीतियों और विभिन्न लंबित मांगों को लेकर किया जा रहा है.
प्रमुख मांगें
इस प्रदर्शन का उद्देश्य कई अहम मांगों को सरकार तक पहुँचाना था. प्रमुख मांगों में बैंकों में पर्याप्त भर्ती, अस्थायी कर्मियों का नियमितीकरण, पांच दिवसीय बैंकिंग कार्य दिवस की घोषणा, निदेशक मंडल में कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व, आईडीबीआई बैंक के निजीकरण पर रोक, बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, ग्रेच्युटी सीमा को 25 लाख तक बढ़ाना, और आयकर मुक्त करना शामिल हैं. इसके अलावा प्रदर्शन आधारित वेतन नीति का विरोध, बैंकिंग नीतियों में अत्यधिक हस्तक्षेप का विरोध और नियमित पदों पर आउटसोर्सिंग पर रोक जैसी मांगें भी उठाई गईं.
आने वाली हड़ताल और प्रदर्शन
संयोजक मुन्ना कुमार झा ने बताया कि 11 मार्च को सभी बैंकों के मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालयों और शाखाओं में प्रदर्शन होगा. इसके बाद, 24-25 मार्च को 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी बैंकों की हड़ताल की घोषणा की गई है.
प्रदर्शन में भागीदार
इस प्रदर्शन में देवघर इकाई के संयोजक मुन्ना कुमार झा, भारतीय स्टेट बैंक कर्मचारी संघ के उपमहासचिव धीरज कुमार, अधिकारी संघ के आंचलिक सचिव विभु प्रकाश, अध्यक्ष मिथिलेश कुमार, प्रदीप कुमार, मनीष कुमार राय, ब्रजेश कुमार, अनुप कुमार वत्स, सुरेन्द्र कुमार, मअरविंद बाजपेयी, कनिष्क आनंद, राजेश कुमार, अंशुमन, सुमन, कैलाश निराला, प्रशांत, स्वधा, अमूल करकेटा, चंद्रशेखर, दीपक, निशि आनंद, मुकेश, रोहित आदि शामिल थे.
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