
झाड़ग्राम: जिले के संकराइल के बोडदा गांव में बीती रात जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. सोमवार रात को जंगल से अचानक हाथियों का एक झुंड गांव में घुस आया. जैसे ही हाथियों को देखा, पूरे गांव में दहशत का माहौल बन गया. हाथियों ने कई घरों के सीमेंट के खंभे और मिट्टी की दीवारें तोड़ डालीं. अपने घरों के दरवाजों पर हाथियों को देखकर लोग डर के मारे घर छोड़कर भाग गए.
घरों और फसलों को नुकसान
हाथियों ने रातभर उत्पात मचाया और गांव के विभिन्न हिस्सों में घरों को क्षतिग्रस्त करने के साथ-साथ फसलों और घरेलू सामानों को भी नष्ट कर दिया. गांववासियों को भारी नुकसान हुआ और उनके जीवन में दहशत का माहौल बना रहा. स्थानीय निवासी खतरों का सामना करते हुए हाथियों को गांव से भगाने में जुट गए.
हाथियों को जंगल में खदेड़ा
गांववासियों ने जोखिम उठाते हुए हाथियों को गांव से भगाने की कोशिश की. कई घंटों की मेहनत के बाद वे हाथियों को जंगल में खदेड़ने में सफल हो गए. हालांकि, इतनी बड़ी घटना के बावजूद वन विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा.
वन विभाग पर सवाल
इस घटना के बाद क्षेत्र के निवासियों ने वन विभाग की भूमिका पर कड़ा गुस्सा जताया है. ग्रामीणों का कहना है, “जब भी हाथियों का हमला होता है, हम डर के साये में दिन गुजारते हैं. लेकिन वन विभाग कुछ नहीं करता. अगर वे नहीं आएंगे, तो हम किसके पास जाएंगे?” जंगल से सटे इस गांव में हाथियों के हमले कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसके बावजूद कोई स्थायी सुरक्षा व्यवस्था नहीं बनाई गई है.
ग्रामीणों की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग को सक्रिय होकर हाथियों के हमलों को रोकने के लिए स्थायी सुरक्षा उपाय करने चाहिए. उनका कहना है कि इस समस्या का समाधान केवल तत्काल कदमों से ही संभव है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके.
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