
खड़गपुर: 18 जुलाई की रात को झाड़ग्राम और सरडीहा स्टेशनों के बीच डाउन जन शताब्दी एक्सप्रेस से टकराकर तीन हाथियों की मौत हो गई. यह हृदयविदारक घटना रेलवे और वन विभाग की समन्वयहीनता की गंभीर परिणति मानी जा रही है.
हादसे पर रेल प्रशासन की संवेदना
रेलवे प्रशासन ने घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि वह वन्यजीवों की इस अपूरणीय क्षति को लेकर अत्यंत दुखी है. तीन हाथियों की मौत से जैव विविधता को गहरी चोट पहुंची है. रेलवे ने स्पष्ट किया है कि वह वन विभाग के साथ मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने हेतु प्रतिबद्ध है.
क्या सचमुच दी गई थी पूर्व सूचना?
रेलवे ने वन विभाग के उस बयान पर आपत्ति जताई है जिसमें यह दावा किया गया कि हाथियों की आवाजाही की पूर्व सूचना रेलवे को दी गई थी. रेलवे के अनुसार, ऐसा कोई आधिकारिक लिखित या दूरभाषीय संवाद नहीं हुआ. केवल एक सामान्य व्हाट्सएप ग्रुप में रात 10:56 बजे हाथियों की गतिविधि से संबंधित संदेश साझा किया गया था.
प्रश्न यह उठता है कि क्या आधी रात को सामान्य ग्रुप में भेजा गया संदेश पर्याप्त और प्रभावी सूचना माना जा सकता है? रेलवे के अनुसार, इतने संवेदनशील विषय पर अधिकारिक संचार और त्वरित कार्रवाई आवश्यक थी.
पूर्व घटनाओं में निभाई गई जिम्मेदारी
रेलवे ने यह भी बताया कि अतीत में वन विभाग द्वारा लिखित ज्ञापन दिए जाने पर आवश्यक गति-सीमा संबंधी कदम उठाए गए थे. उदाहरणस्वरूप, 6 जुलाई 2025 को सरडीहा स्टेशन प्रबंधक को एक ज्ञापन प्राप्त हुआ था, जिसके अनुसार गति नियंत्रण लागू किया गया था.
इसी प्रकार 8 मई, 1 अप्रैल, 14 फरवरी, 27 जनवरी और 24 जनवरी 2025 को हुई घटनाओं पर भी रेलवे ने तत्परता दिखाई थी.
संयुक्त निरीक्षण और अगली कार्रवाई
घटना के बाद रेलवे ने वन विभाग से संयुक्त निरीक्षण का अनुरोध किया है. यह निरीक्षण 19 जुलाई को प्रस्तावित है. रेलवे ने स्पष्ट किया है कि मामले की गहन जांच जारी है और आवश्यक तकनीकी एवं संरचनात्मक बदलावों पर विचार हो रहा है.
रेलवे के अनुसार वन विभाग की ओर से सूचना तंत्र की कमजोरी ने इस त्रासदी को जन्म दिया. इसका नतीजा सिर्फ तीन हाथियों की मौत नहीं, बल्कि हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल लाइन पर पांच घंटे तक परिचालन बाधित रहना भी रहा.
रेलवे ने इस घटना पर अपनी संवेदना दोहराते हुए कहा है कि वह वन विभाग के साथ मिलकर सुरक्षात्मक उपायों की पुनः समीक्षा कर रहा है. आने वाले दिनों में तकनीकी सहायता, निगरानी और संचार तंत्र को मज़बूत किया जाएगा ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
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