
जमशेदपुर: सांसद बिद्युत वरण महतो ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल से मुलाकात कर प्रधानमंत्री कृषि योजना के तहत सुवर्णरेखा परियोजना के अंतर्गत चांडिल डैम से पटमदा, बोड़ाम, नीमडीह और कूकडू प्रखण्ड में पम्प नहर योजना को AIBP (आॅन-फार्म इन्फ्रास्ट्रक्चर) के तहत स्वीकृति प्रदान करने की मांग की.
पम्प नहर योजना का महत्व:
सांसद महतो ने एक पत्र सौंपते हुए बताया कि प्रधानमंत्री कृषि योजना के तहत सुवर्णरेखा परियोजना के अंतर्गत चांडिल डैम से पटमदा-बोड़ाम प्रखण्ड एवं नीमडीह-कूकडू प्रखण्ड तक पम्प नहर योजना का PPR (Project Proposal Report) कन्सलटेन्ट द्वारा आठ माह पूर्व जल संसाधन विभाग रांची में समर्पित किया गया था. इस योजना के तहत पटमदा-बोड़ाम प्रखण्ड के 12,000 हेक्टेयर और नीमडीह-कूकडू प्रखण्ड के 9,500 हेक्टेयर जमीन में सिंचाई की व्यवस्था की जाएगी. इन चारों प्रखण्डों में अधिकांशतः गरीब आदिवासी किसान रहते हैं, जो कृषि आधारित जीवन यापन करते हैं.
आवश्यक वित्तीय सहायता:
पम्प नहर योजना के लिए पटमदा-बोड़ाम एवं नीमडीह-कूकडू प्रखण्डों की प्राक्कलित राशि क्रमशः 1400.00 करोड़ और 600.00 करोड़ रुपये है, जो कुल मिलाकर 2000.00 करोड़ रुपये है. इसके लिए भारत सरकार से AIBP के तहत वित्तीय सहायता की आवश्यकता है. जल संसाधन विभाग, रांची द्वारा तैयार PPR की जांच करने की प्रक्रिया में CWC (Central Water Commission), नई दिल्ली के Chief Engineer से पम्प नहर योजना के PPR को स्वीकृति देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
केन्द्रीय अनुदान की आवश्यकता:
सुवर्णरेखा परियोजना के निर्माण कार्य में पिछले चार वर्षों से कोई केंद्रीय अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है. इसके लिए लंबित केंद्रीयांश राशि 616.91 करोड़ रुपये है, जिसे 31 मार्च 2025 से पहले विमुक्त किया जाना आवश्यक है. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने आश्वासन दिया कि इस वित्तीय वर्ष में केंद्रीय सहायता राशि जारी की जाएगी. इसके साथ ही, यदि राज्य सरकार की ओर से माइक्रो मेगालिफ्ट योजना का प्रस्ताव आता है, तो उस पर भी त्वरित कार्रवाई की जाएगी.
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