
जमशेदपुर: जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित बालाजी मंदिर में ब्रह्मोत्सव के पांचवें दिन श्री वरही श्यामला मूल मंत्र का जाप किया गया. इस आयोजन में भक्तों ने तेलुगू रीति-रिवाजों के अनुसार मंत्रोच्चारण किया. पूजा के दौरान भक्तों के नाम, जन्म स्थान, गोत्र और जन्म तिथि लेकर पुरोहितों द्वारा मंत्रों का उच्चारण किया गया. यह जाप विशेष रूप से बुरी नजर, काले जादू, दुर्घटनाओं और शत्रुओं से बचाव के लिए किया गया था.
बुरी नज़र से मुक्ति और यश की प्राप्ति
इस जाप का मुख्य उद्देश्य भक्तों को बुरी आत्माओं और काले जादू से सुरक्षा, यश, शब्द शक्ति, सद्भावना, और साहस प्रदान करना था. इसके अलावा, यह पूजा सुख, समृद्धि, धन और उच्च सामाजिक स्थिति प्राप्त करने के लिए भी की जाती है. भक्तों को यह भी आशा है कि इस पूजा के प्रभाव से वे अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे और जीवन में प्रगति होगी.
कुमकुम पूजा: महिलाओं का सामूहिक उत्सव
दोपहर के समय 4 बजे कुमकुम पूजा का आयोजन हुआ, जिसमें 203 महिलाएं उपस्थित थीं. इस पूजा में महिलाएं एक-दूसरे को हल्दी और कुमकुम लगाकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. यह पूजा एक सामाजिक और सांस्कृतिक समारोह का हिस्सा है, जो महिलाओं के बीच के बंधन को मज़बूत करती है और उनके सामूहिक गौरव का प्रतीक है. इस अवसर पर सभापति कमला शर्मा ने कहा कि यह परंपरा महिलाओं के एकता और भाईचारे को बढ़ावा देती है.
सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
कुमकुम पूजा का उद्देश्य न केवल परिवार की सुख-शांति की कामना करना है, बल्कि यह महिलाओं की सांस्कृतिक पहचान और समाज में उनके योगदान को भी उजागर करता है. इस पूजा में कई प्रतिष्ठित महिलाएं जैसे पदमा, भानु, सोनी, साधना, रामादेवी, पार्वती, उमा, आरुणा, लता, दुर्गा, नूतन, प्रमिला, रानी, रामा टीचर, लक्ष्मी, प्रभाकर राव, डी रामु, रवि रामचंद्रन, मुकुंद राव और अन्य उपस्थित थीं, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग दिया.
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