
पोटका: गर्मी के दस्तक के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में घोर पेयजल संकट उत्पन्न होना शुरू हो गया है. इसी के तहत पोटका प्रखंड मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर गांगडीह पंचायत के दारु साईं गांव में तीन चापाकल चार माह से एवं एक जलमीनार पिछले सात माह से खराब पड़े हैं. जिसके कारण ग्रामीणों को भारी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है, वही गांव की पार्वती मुर्मू,श्रीमती टुडू एवं चंपा हांसदा ने रडार न्यूज 24 के संवाददाता को बताया कि गांव के तीन चापाकल एवं एक जालीदार के लंबे समय से खराब होने से गांव के 110 परिवारों के समक्ष जल संकट उत्पन्न हो गया है. गांव में 600 की आबादी निवास करती है.
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एक जलमीनार से पूरी आबादी को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. जिसको लेकर ग्रामीण महिलाएं डेगची, हांडी एवं बाल्टी आदि लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही 1 किलोमीटर दूर जाहेर थान से ग्रामीणों को पानी लाना पड़ रहा है. वही बर्तन धोने एवं अन्य कार्य के लिए तालाब से पानी ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग को कई बार लिखित सूचना दी गई एवं बताया गया इसके बावजूद पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा किसी तरह का पहल नहीं किए जाने से हम सबों के समक्ष पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. महिलाओं ने कहा कि इस पेयजल संकट को लेकर हम सब डेगची, बाल्टी आदि लेकर चापाकल के समक्ष प्रदर्शन कर रहे हैं. ताकि विभाग के कुंभकर्णीय नींद को तोड़ सके.