
सरायकेला: झारखंड में पुरानी पेंशन योजना की वापसी की मांग को लेकर राज्यकर्मियों ने “रोष दिवस” मनाया. NMOPS (नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम) के राष्ट्रीय आह्वान पर सरकारी दफ्तरों और विद्यालयों में UPS (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) के खिलाफ प्रदर्शन किया गया.
कर्मचारी तख्तियों के साथ सरकार विरोधी नारे लगाते हुए सड़क पर उतरे और कहा कि झारखंड की तरह पूरे देश में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए. उनका कहना था कि नई पेंशन योजनाएं भ्रम फैलाने वाली हैं और कर्मचारी हितों के विरुद्ध हैं.
प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह ने कहा कि राज्य के कुछ उच्च पदों पर बैठे अधिकारी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में भी UPS लागू करने की कोशिश कर रहे हैं. यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कर्मचारी-हितैषी छवि को धूमिल करने और राज्य पर वित्तीय बोझ बढ़ाने की सोची-समझी चाल है.
उन्होंने कहा कि एक ही कार्यालय में एक जैसे पद पर कार्यरत कर्मचारियों को अलग-अलग पेंशन व्यवस्था में रखना न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि इससे काम की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी.
प्रांतीय महासचिव उज्ज्वल कुमार तिवारी ने UPS को पूंजीपतियों के हित में लायी गई योजना करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस व्यवस्था में सरकार का अंशदान बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया गया है, ताकि यह रकम शेयर बाजार की अंधी पूंजीवाद की सेवा में लगाई जा सके.
जिले के विभिन्न प्रखंडों में UPS के विरोध में कार्यक्रम आयोजित किए गए और सरकार को स्पष्ट संदेश दिया गया कि पुरानी पेंशन ही एकमात्र विकल्प है.
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