
देवघर: देवघर जिले के देवीपुर थाना अंतर्गत पसारपुर जंगल में साइबर पुलिस ने एक संगठित ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है. छापेमारी में आठ शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं, जो पीएम किसान योजना और एसबीआई क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं के नाम पर लिंक भेजकर लोगों को ठगते थे.
संगठित गिरोह के पास से मोबाइल और सिम बरामद
गिरफ्तार अपराधियों की पहचान सिकंदर दास, जितेंद्र दास, अनुज दास, विशाल दास, संदीप दास, वीरेंद्र दास (सभी लखनुआ, मधुपुर), बासुकी पंडित (बिराजपुर, पथरड्डा) और विजय कुमार मंडल (बुढ़िसारे, बेंगाबाद, गिरिडीह) के रूप में हुई है. इनके पास से पुलिस ने 10 मोबाइल फोन और 15 सिम कार्ड बरामद किए हैं.
डीआईजी सह एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को इस गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद इंस्पेक्टर नागेंद्र प्रसाद सिन्हा, दारोगा प्रफुल्ल कुमार मांझी और देवीपुर थानेदार संदीप कृष्णा के नेतृत्व में टीम बनाकर छापेमारी की गई. पुलिस को मौके पर बड़ी सफलता हाथ लगी.
ठगी के तीन प्रमुख तरीके—जानिए कैसे बनाते थे लोगों को शिकार
गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर
ठग गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर अपलोड कर देते थे. लोग जब किसी कंपनी या योजना के लिए नंबर खोजते थे, तो वह नंबर सीधे ठगों तक पहुंचता. इसके बाद वे कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर गोपनीय जानकारी मांगते और खाते से पैसे उड़ा लेते थे.
फोन-पे, पेटीएम और एयरटेल के नाम पर कैशबैक का झांसा
खुद को फोन-पे या पेटीएम का कस्टमर केयर अधिकारी बताकर कैशबैक या रिवॉर्ड के नाम पर ठगी करते थे. इसी तरह एयरटेल पेमेंट बैंक का पदाधिकारी बनकर एयरटेल थैंक्स ऐप से भी लोगों को जाल में फंसाते थे.
सरकारी योजनाओं के नाम पर लिंक भेजकर धोखाधड़ी
पीएम किसान सम्मान निधि योजना, एसबीआई क्रेडिट कार्ड आदि का नाम लेकर लिंक भेजते थे. लिंक खोलने या जानकारी देने पर लोगों का बैंक खाता खाली हो जाता था.
पुलिस की शुरुआती जांच में ठगों के नेटवर्क के और भी हिस्से सामने आने की उम्मीद जताई गई है. संभावना है कि यह गिरोह झारखंड से बाहर भी कई जगहों पर सक्रिय रहा हो.
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