
नई दिल्ली: 7वें जन औषधि दिवस 2025 के दूसरे दिन का आयोजन ‘‘जन औषधि – विरासत के साथ’’ शीर्षक के तहत हुआ. इस दिन की शुरुआत देशभर के 25 विभिन्न स्मारकों और विरासत स्थलों के प्रातः भ्रमण के साथ हुई. विरासत का अर्थ है परंपराएं और संस्कृतियां, जो हमारे इतिहास और संस्कृति का हिस्सा रही हैं. इस दिन को खास बनाने के लिए देश के वरिष्ठ नागरिकों ने इन परंपराओं और संस्कृतियों को जीवित रखने का संकल्प लिया.
वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए जन औषधि केंद्रों पर शिविर
देश भर में 500 अलग-अलग स्थानों पर जन औषधि केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए. इन शिविरों में रक्तचाप की जांच, शुगर लेवल की जांच, मुफ्त डॉक्टर परामर्श जैसे कई चिकित्सा परीक्षण किए गए. इस आयोजन का उद्देश्य प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के बारे में जागरूकता फैलाना और स्वास्थ्य के महत्व को उजागर करना था. इसके जरिए देशभर के नागरिकों को स्वस्थ रहने के लिए जन औषधि केंद्रों की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया.
हेरिटेज वॉक: एक नई दिशा की ओर
नई दिल्ली के हौज खास में 2 मार्च को आयोजित हेरिटेज वॉक का नेतृत्व पीएमबीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रवि दाधीच ने किया. इस वॉक में अन्य अधिकारियों और केंद्र मालिकों ने भी भाग लिया. देशभर में 25 स्थानों पर इस प्रकार के हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया, जो जन औषधि परियोजना को एक नई दिशा देने का प्रयास था.
जन औषधि केंद्रों का विस्तार और भविष्य
वर्तमान में देश भर में 15,000 से अधिक जन औषधि केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं, जो सभी जिलों को कवर करते हैं. इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2027 तक देशभर में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का है. ये केंद्र जेनेरिक दवाओं के प्रचार-प्रसार और लोगों को सस्ती और प्रभावी चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री की पहल और जन औषधि दिवस की महत्वता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हर साल 7 मार्च को ‘‘जन औषधि दिवस’’ मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूकता फैलाना और जन औषधि योजना के लाभों को उजागर करना है. पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी 1 से 7 मार्च तक देशभर में कार्यक्रमों की योजना बनाई गई, ताकि लोग इस योजना का अधिकतम लाभ उठा सकें.