Jharkhand: सहकारिता में राज्यहित को प्राथमिकता दें: मुख्य सचिव अलका तिवारी

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रांची: मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य सहकारिता विकास समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सहकारिता क्षेत्र में राज्यहित को प्राथमिकता देने की बात कही. उन्होंने कहा कि सहकारिता की योजनाएं राज्य के संसाधनों और अधिकतम लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की जानी चाहिए.

सहकारिता बैंक के विस्तार पर सुझाव
तिवारी ने कुछ जिलों में सहकारिता बैंक की शाखाएं खोलने के प्रस्ताव पर विचार करते हुए निर्देश दिया कि बैंक पहले अपनी स्थिति को सुदृढ़ करे, फिर विस्तार की योजना पर काम करे. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी योजनाएं न बनें जो भविष्य में राज्य पर बोझ बन जाएं. साथ ही, सहकारिता विभाग के कुछ प्रस्तावों पर और कार्य करने के निर्देश देते हुए उन्हें राज्य के इको सिस्टम के अनुरूप बनाने पर जोर दिया.

लैम्पस-पैक्स में डिजिटल क्रांति
बैठक में बताया गया कि राज्य के चयनित 1500 लैम्पस-पैक्स में से 1270 को कंप्यूटरीकृत कर ऑनलाइन कर दिया गया है. शेष 230 समितियों को 31 मार्च तक कंप्यूटरीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा, शेष 2949 लैम्पस-पैक्स के कंप्यूटरीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है. ऑनलाइन लैम्पस-पैक्स को प्रज्ञा केंद्र के रूप में सेवा प्रदान करने का निर्देश दिया गया है और इनके लिए झारसेवा लॉगिन आइडी देने का निर्णय लिया गया.

धान खरीदी का नया मील का पत्थर
25 जनवरी 2025 तक राज्य के 724 धान अधिप्राप्ति केंद्रों से 13 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है. खरीदी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए शेष 75 क्रय केंद्रों को कार्यशील बनाने का निर्देश दिया गया. साथ ही, वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत 100 प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों के निबंधन के लक्ष्य में से 65 का निबंधन पूरा हो चुका है, जबकि 37 के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं.

मत्स्य उत्पादन में उन्नति
राज्य में 2023-24 के लिए 3 लाख टन मछली उत्पादन के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 2.57 लाख टन उत्पादन हो चुका है. पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह उत्पादन 2.80 लाख टन था. “अमृत सरोवर मिशन” के तहत जिलों में निर्मित और विकसित सरोवरों में मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के गठन हेतु अभियान चलाया जा रहा है. 2024-25 के लिए निर्धारित 50 समितियों के लक्ष्य में से 33 का गठन पूरा हो चुका है.

अन्य मुद्दों पर चर्चा
बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिनमें शामिल थे:

गोदाम निर्माण और लैम्पस-पैक्स को कमरा उपलब्ध कराना.
रसोई गैस डिस्ट्रीब्यूटरशिप और पेट्रोल-डीजल आउटलेट खोलने की योजना.
जन औषधि केंद्रों की स्थापना.
उर्वरक लाइसेंस और पीएम किसान समृद्धि केंद्र के रूप में लैम्पस-पैक्स का विकास.
झारखंड के सहकारी प्रशिक्षण संस्थान को “इंस्टीट्यूट ऑफ कोआपरेटिव मैनेजमेंट” के रूप में विकसित करना.

बैठक में प्रमुख अधिकारी उपस्थित
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीक, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, राजस्व सचिव चंद्रशेखर, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन, निबंधक सहयोग समितियां सूरज कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

 

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