नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2025-26 बजट सत्र के दौरान नए प्रत्यक्ष कर कानून के लिए एक विधेयक पेश सकती हैं. इस संशोधन का उद्देश्य कानून को सरल बनाना, अनावश्यक प्रावधानों को खत्म करने और भाषा को आम जनता के लिए अधिक सुलभ बनाना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में अपने बजट भाषण के दौरान किसी भी मौजूदा जटिलताओं और संघर्षों को हल करने के लिए छह महीने के भीतर व्यापक पुनर्मूल्यांकन का वादा किया था. एक रिपोर्ट के अनुसार कानून में संशोधन के प्रभारी एक समिति इस बात पर विचार कर रही है कि क्या 63 साल पुराने आयकर अधिनियम के प्रतिस्थापन को दो या तीन भागों में विभाजित किया जाना चाहिए.
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सरकार ने यह निर्णय लिया है कि विधेयक को पहले पेश किया जाएगा, जिसमें अंतिम रूप दिए जाने से पहले करदाताओं और विशेषज्ञों के इनपुट के आधार पर समायोजन की अनुमति दी जाएगी. प्रस्तावित कानून वर्तमान अधिनियम में मात्र संशोधन के विपरीत, एक पूरी तरह से नया ढांचा होगा. सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार नया आयकर कानून संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा. यह एक नया कानून होगा न कि मौजूदा अधिनियम में संशोधन. वर्तमान में, कानून के मसौदे की जांच कानून मंत्रालय द्वारा की जा रही है और इसे बजट सत्र के दूसरे भाग में संसद में लाए जाने की संभावना है.