
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस अवसर पर उन्होंने भारत की वैश्विक स्थिति और देश के हालिया विकास के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं. उन्होंने कहा कि आज भारत वह देश है, जहां हर दिन सकारात्मक बदलाव और नई उपलब्धियाँ हो रही हैं.
भारत की बढ़ती वैश्विक पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “दुनिया भर के लोग भारत आना चाहते हैं और भारत को जानना चाहते हैं.” उन्होंने भारत की बढ़ती ताकत और विकास को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत अब एक ऐसा देश बन चुका है, जहां रोज़ नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. उन्होंने प्रयागराज में संपन्न हुए एकता के महाकुंभ का उदाहरण देते हुए बताया कि दुनिया इस अद्भुत आयोजन से हैरान है, जिसमें करोड़ों लोग एक अस्थायी स्थल पर एक साथ पवित्र स्नान करने आते हैं.
नई नीतियों पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समिट नेताओं के बजाय नीतियों के बारे में चर्चा करने का अवसर बना है. उनका यह भी कहना था कि भारत ने हाल ही में दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव आयोजित किया और यह पहली बार हुआ जब भारत की सरकार लगातार तीसरी बार वापस आई है. उनका मानना है कि यह जनविश्वास, भारत की अनेकों उपलब्धियों का परिणाम है. प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया के लिए एक संदेश देते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि आपका नया चैनल भारत की वास्तविक कहानियाँ दुनिया तक पहुंचाएगा.” उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपनी सच्चाई दिखाने के लिए किसी तरह के मेकअप की आवश्यकता नहीं है.
वोकल फॉर लोकल से लोकल फॉर ग्लोबल तक
प्रधानमंत्री ने अपने “वोकल फॉर लोकल” और “लोकल फॉर ग्लोबल” विजन की ओर इशारा किया, जो अब सच्चाई में बदल चुका है. उन्होंने बताया कि आज भारत के आयुष प्रॉडक्ट्स, योग, मखाना, मिलेट्स और श्रीअन्न जैसी चीजें वैश्विक स्तर पर पहचान बना रही हैं. पीएम मोदी ने यह भी बताया कि भारत अब दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी एक्सपोर्टर बन चुका है. उन्होंने कहा कि दशकों तक, दुनिया भारत को अपना “बैक ऑफिस” मानती थी, लेकिन अब भारत “न्यू फैक्ट्री ऑफ द वर्ल्ड” बन रहा है. अब हम सिर्फ वर्कफोर्स नहीं, बल्कि वर्ल्ड-फोर्स हैं.
कुशल शासन और कानून सुधार
प्रधानमंत्री ने कुशल शासन के मंत्र “मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेस” की भी बात की. इसके अंतर्गत, बीते एक दशक में भारत ने लगभग 1,500 ऐसे कानूनों को समाप्त किया है, जो अब अप्रासंगिक हो चुके थे. इन कानूनों में से बहुत सारे अंग्रेजी शासन के समय बने थे.
लुटियन जमात पर निशाना
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह लुटियन जमात और खान मार्केट गैंग से हैरान हैं, जो 75 सालों तक उन कानूनों पर चुप रहे, जो भारत की स्वतंत्रता के बाद अप्रासंगिक हो चुके थे. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने ही उन गुलामी के कालखंड के कानूनों को समाप्त किया है.
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