
जमशेदपुर: सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा शनिवार, 8 मार्च 2025 को चैम्बर भवन में पूर्व उपाध्यक्ष स्व. दिनेश चौधरी की स्मृति में एकदिवसीय पोस्ट बजट सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में कोलकाता से आये अनुभवी विशेषज्ञ, अधिवक्ता और सीए रमेश कुमार पटौदिया ने यूनियन बजट 2025 पर अपनी विस्तृत प्रतिक्रिया दी और इसे व्यवसाय तथा उद्यमों पर पड़ने वाले प्रभावों को समझाया.
चैम्बर की परंपरा और स्वागत भाषण
सेमिनार के प्रारंभ में चैम्बर के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने स्वागत भाषण दिया और बताया कि यह परंपरा रही है कि हर साल केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत यूनियन बजट के बाद इससे व्यवसाय और उद्यम पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने के लिए पोस्ट बजट सेमिनार आयोजित किया जाता है. उन्होंने कहा कि इस सेमिनार का लाभ जमशेदपुर और अन्य स्थानों से आये विशेषज्ञों और उपस्थित उद्यमियों को मिलता है.
विशेषज्ञ का व्याख्यान – प्रत्यक्ष कर/आयकर पर महत्वपूर्ण बातें
पहले सत्र में, सीए रमेश कुमार पटौदिया ने यूनियन बजट 2025 में आयकर के सम्बंध में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि अब आयकर की छूट सीमा ₹12 लाख कर दी गई है, जिससे प्रति माह ₹1 लाख तक की आय कर मुक्त हो जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि अब नाबालिग बच्चों के नाम पर एनपीएस खाता खोलने पर भी कटौती मान्य होगी, और इसमें अतिरिक्त ₹50,000 की कटौती मिलेगी. इसके अलावा, अब अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 48 महीने कर दी गई है, जिससे त्रुटि सुधारने का मौका मिलेगा.
अप्रत्यक्ष कर/जीएसटी पर विश्लेषण
दूसरे सत्र में, रमेश कुमार पटौदिया ने अप्रत्यक्ष कर और जीएसटी के महत्वपूर्ण बदलावों पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 17(5)(डी) में संशोधन किया गया है, जो अब केवल “प्लांट और मशीनरी” पर लागू होगा, “प्लांट या मशीनरी” पर नहीं. इसके अलावा, अब अपील के मामलों में प्री-डिपोजिट की आवश्यकता होगी, जब केवल दंड के खिलाफ अपील की जाती है.
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव और चर्चा
इस दौरान, मानद महासचिव मानव केडिया ने धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट के पंजीकरण नवीनीकरण में बदलाव के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अब यदि ट्रस्ट की आय ₹5 करोड़ से कम है, तो पंजीकरण 10 वर्षों के लिए वैध होगा, जबकि पहले यह 5 वर्षों के लिए था.
सचिव अंशुल रिंगसिया ने आयकर रिटर्न दाखिल न करने वालों के लिए उच्च दर से टीडीएस/टीसीएस लागू करने वाली धाराएं समाप्त किए जाने के बारे में बताया, जिससे अनुपालन में आसानी होगी. सेमिनार के दौरान उपस्थित व्यवसायी और उद्यमियों ने अपनी शंकाओं को विशेषज्ञ के सामने रखा, जिनका समाधान भी दिया गया.
उपस्थित लोग
इस कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया, पुनीत कांवटिया, भरत मकानी, केएल मित्तल, कौशलेन्द्र दास, सीए जगदीश खंडेलवाल, मनीष केडिया, रमाकांत गुप्ता, गोपाल हरलालका, गोविन्द अग्रवाल सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति, व्यवसायी, उद्यमी और पेशेवर उपस्थित थे.
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