
जमशेदपुर:टाटानगर के इलेक्ट्रिक लोको पायलट प्रशिक्षण केंद्र में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर में दक्षिण-पूर्व रेलवे के विभिन्न डिवीजनों के लोको पायलटों ने भाग लिया, जिनमें चक्रधरपुर, आंद्रा, रांची और खड़गपुर डिवीजन के लोको पायलट शामिल थे.
फायर फाइटिंग और आपदा कार्य प्रबंधन में प्रशिक्षित किया गया
सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने लोको पायलटों को ट्रेनिंग देते हुए बताया कि भारतीय रेलवे सुरक्षा मानकों में निरंतर सुधार कर रही है. विशेष रूप से, नए डब्लूएजी 9 इंजन में ड्राई केमिकल पाउडर और कार्बन डाइऑक्साइड फायर फाइटिंग सिस्टम लगाए गए हैं, जो आग लगने की स्थिति में इंजन की कीमती सामग्री को बचाने में मदद करते हैं. इस सिस्टम को कैसे इस्तेमाल किया जाए, इसकी विधि और सावधानियां प्रशिक्षकों द्वारा विस्तार से बताई गईं.

प्रशिक्षण का लाइव डेमो और प्राथमिक उपचार की जानकारी
इस ट्रेनिंग शिविर में सिविल डिफेंस डेमोंस्ट्रेटर शंकर प्रसाद ने फायर फाइटिंग के वास्तविक उपयोग का डेमो दिया. इसके साथ ही, घरेलू गैस के उपयोग के दौरान आग लगने पर उसे बुझाने की विभिन्न विधियां डेमोंस्ट्रेटर अनिल कुमार सिंह ने साझा कीं. प्राथमिक उपचार, बैंडेज लगाने की विधि और चोट के दौरान तत्काल मदद देने के तरीके की ट्रेनिंग डेमोंस्ट्रेटर अनामिका मंडल ने दी.
सिविल डिफेंस और लोको पायलटों का साझा प्रयास
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार, इलेक्ट्रिक लोको पायलट प्रशिक्षण केंद्र के प्रशिक्षक संतोष भगत और एस रजक के साथ 200 प्रशिक्षु लोको पायलट भी उपस्थित थे. इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोको पायलटों को आपातकालीन स्थिति में सही तरीके से कार्य करने के लिए तैयार करना था.
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