
जमशेदपुर : श्रावण मास की पावन बेला में राम मंदिर, बिष्टुपुर आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो उठा. प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से यहां तीन दिवसीय द्वादश ज्योतिर्लिंग दर्शन मेले का भव्य आयोजन किया गया. 27 जुलाई से शुरू हुए इस मेले में श्रद्धा, ध्यान और आत्मिक शांति का अनुपम संगम देखने को मिल रहा है.
शिवजी की मंगल आरती से मंदिर परिसर गूंज उठा और वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया. सभी आमंत्रित अतिथियों का अंगवस्त्र से सम्मान किया गया और भोलेनाथ का प्रसाद तथा सौगात भी भेंट की गई. श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में दर्शन और आध्यात्मिक अनुभूति के लिए उमड़ पड़ी.
मेले में लगी राजयोग चित्र प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी है. यहाँ आत्मा और परमात्मा के गूढ़ संबंध को सरल शब्दों और सुंदर चित्रों के माध्यम से समझाया गया है. यह अनुभव कराना कि हम केवल शरीर नहीं, बल्कि एक चैतन्य आत्मा हैं — जो भृकुटि के मध्य स्थित चेतना का केंद्र है — प्रदर्शनी का मूल उद्देश्य रहा. यह भी बताया गया कि यह ‘संगम काल’ है, जब आत्मा परमात्मा शिव से मिलन की अनुभूति कर सकती है.
भवन के भीतर निर्मित ध्यान कक्ष (मेडिटेशन रूम) भी अत्यंत सराहनीय रहा, जहां श्रद्धालुओं को गहराई से आत्मिक शांति का अनुभव हुआ. यह शांत, नीरव स्थान उन्हें भीतर झाँकने और स्वयं से जुड़ने का अवसर देता है.
यह आयोजन प्रतिदिन सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर संध्या 4 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहेगा. 29 जुलाई तक चलने वाले इस मेले में सभी श्रद्धालु द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा से स्वयं को भर सकते हैं.
मेले के समापन के बाद, 30 जुलाई से तीन दिवसीय निःशुल्क राजयोग मेडिटेशन शिविर की शुरुआत होगी. जो भी व्यक्ति इसमें भाग लेना चाहता है, वह पूर्व में पंजीकरण कर अपना स्थान सुरक्षित कर सकता है. यह शिविर मन की स्थिरता और जीवन में संतुलन लाने का एक सार्थक प्रयास होगा.
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