
जमशेदपुर: हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व श्रद्धा और उल्लास से मनाया जाता है. यह तिथि हर प्रकार के शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उत्तम मानी जाती है.
इस वर्ष अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल, बुधवार को मनाया जाएगा.
तृतीया तिथि का आरंभ: 29 अप्रैल को सायं 5:31 बजे
समापन: 30 अप्रैल को दोपहर 2:12 बजे
पूजन और खरीदारी का शुभ समय: 30 अप्रैल को प्रातः 5:41 से दोपहर 2:12 तक
दीप जलाएं, लक्ष्मी को घर बुलाएं
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, यदि अक्षय तृतीया की संध्या को घर के पांच विशेष स्थानों पर दीपक जलाए जाएं, तो इससे न केवल घर में सुख-शांति आती है, बल्कि देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होकर स्थायी रूप से निवास करती हैं.
आइए जानें वे पाँच शुभ स्थान जहाँ दीपक जलाना बेहद फलदायक माना गया है:
1. घर के मंदिर में
शाम के समय भगवान की पूजा कर शुद्ध घी का दीपक मंदिर में जलाएं.
फिर पूरे परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें.
ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है.
2. मुख्य दरवाजे के दोनों ओर
मुख्य द्वार से ही देवी लक्ष्मी का प्रवेश होता है.
अतः दरवाजे के दोनों ओर दीपक लगाएं.
यह धन-धान्य की वृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है.
3. तुलसी के पौधे के पास
हिंदू धर्म में तुलसी को अत्यंत पवित्र माना गया है.
शाम को तुलसी के पास दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
घर में शुद्धता और सकारात्मकता बनी रहती है.
4. किचन में पानी रखने के स्थान पर
जहां पीने का पानी रखा जाता है, उसे पितरों का स्थान माना जाता है.
यहां दीपक लगाने से पितरों की कृपा बनी रहती है और संकट टलते हैं.
साथ ही लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है.
5. घर की छत पर
वास्तुशास्त्र के अनुसार छत पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार अधिक होता है.
दीपक जलाने से ऊर्जा संतुलन बनता है और वातावरण शुद्ध होता है.
इससे घर में सुख, शांति और संतुलन बना रहता है.
लक्ष्मी को आमंत्रण का सरल मंत्र
इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजन कर यदि छोटे-छोटे उपाय अपनाए जाएं, तो लक्ष्मी कृपा स्थायी रूप से जीवन में बनी रह सकती है. दीपक की यह रोशनी न केवल घर को रोशन करती है, बल्कि भाग्य को भी प्रकाशित कर सकती है.
इसे भी पढ़ें : Adityapur: हरिनाम संकीर्तन में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, कांग्रेस पर बोला हमला