
पोटका: पोटका प्रखंड के बलियागोड़ा गांव में हाथी के हमले में मारे गए दुर्गा कुदादा का शव शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिवार को सौंप दिया गया. जैसे ही शव गांव पहुंचा, पूरा गांव गहरे शोक और चीख-पुकार से गूंज उठा. दुर्गा कुदादा के परिजनों के लिए यह समय अत्यधिक कठिन था. खासकर उनके पुत्र और परिवार के अन्य सदस्य इस त्रासदी से गहरे सदमे में हैं.
मुआवजे और नौकरी की मांग
घटना के बाद, मृतक के परिवार ने सरकार से मुआवजा और स्थायी नौकरी की मांग की. दुर्गा कुदादा के पुत्र पवन कुदादा, चक्रों कुदादा, मरांग कुदादा, उदय कुदादा और जितेन कुदादा ने कहा कि इस दुखभरे समय में उन्हें वन विभाग में स्थायी नौकरी मिलनी चाहिए ताकि वे अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा सकें और उनके जीवन में स्थिरता आए.
झारखंड सरकार से उचित मुआवजे की मांग
परिजनों ने झारखंड की हेमंत सरकार से मांग की है कि उनके परिवार को पर्याप्त मुआवजा और नौकरी दी जाए. फिलहाल, वन विभाग ने मृतक के परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है, जिसमें से 25 हजार रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं. बाकी राशि जल्द ही प्रदान की जाएगी. हालांकि, परिवार ने मुआवजे की राशि को अपर्याप्त बताते हुए इसे बढ़ाने की अपील की है. इसके अलावा, उन्होंने गांव में स्ट्रीट लाइट की सुविधा की भी मांग की है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के हादसे को रोका जा सके.
कनेक्टिविटी की समस्या
बलियागोड़ा गांव में कनेक्टिविटी की कमी एक बड़ी समस्या है. यहां के लोग मोबाइल नेटवर्क के लिए एक किलोमीटर ऊपर पहाड़ी पर चढ़ने के लिए मजबूर हैं. किसी दुर्घटना के बाद गांववाले घंटों तक संपर्क नहीं कर पाते और कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद किसी से संपर्क हो पाता है. यहां एक साल पहले वीएसएनएल टावर लगाया गया था, लेकिन वह अब तक महज एक शोभा का सामान बना हुआ है, जिससे लोग उपयुक्त नेटवर्क सेवा से वंचित हैं.
जनप्रतिनिधि का सहयोग
घटना के बाद क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सीताराम हांसदा ने बलियागोड़ा गांव का दौरा किया और मृतक के परिवार से मुलाकात की. उन्होंने इस दुखद समय में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और झारखंड सरकार से नौकरी की मांग को उचित ठहराते हुए सरकार से शीघ्र कार्रवाई की अपील की है.
इसे भी पढ़ें : Potka : उप स्वास्थ केंद्र शंकरदा में जन औषधि दिवस आयोजित