
गुवा : सारंडा के पूर्व जिला परिषद मनोहरपुर सह झामुमों के केन्द्रीय सदस्य बामिया मांझी ने सारंडा वन क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर नाराजगी जाहीर की है. उन्होंने कहा कि सारंडा के ग्रामीण भगवान भरोसे हैं. छोटानागरा पंचायत में जलमीनार का कार्य अधूरा पड़ा है. धरमरगुटू, जोजोपी, राकाडबुरा में दो साल से और सारंडा के दिकुपोंगा जक्शन और उसरूईयां के बीच बन रहा पुलिया दो साल से अधूरा पड़ा है. निर्माण कार्य कर रही एजेंसी का कोई अता-पता नहीं है. पुलिया बनना इस क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 20 से 25 गांव के ग्रामीण पगडंडी पर चलने को मजबूर है. गंगदा पंचायत के ग्राम घाटकुड़ी से कासिया, पेचा एवं जोजोगुटू सीमा तक बनाने वाली पक्की सड़क भी अधूरा है. सारंडा में दर्जन भर योजनाएं अपूर्ण है. ये सब सारंडा के उच्च अधिकारियों के आखों के सामने हो रहा है. अगर ग्रामीण घेराव प्रर्दशन करते हैं तो केस व मुकदमा करने प्रयास किया जाता है.
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बामिया मांझी ने कहा कि सारंडा के ग्रामीण भगवान भरोसे रहते हैं. इलाज की सुविधा तक यहां पर नहीं है. कई लोगों की इलाज के अभाव में मृत्यु तक हो जाती है. सारंडा उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में झारखंड ग्रुफ ऑफ लौह अयस्क की खदान किरीबुरु, मेघाहातुबुरु, गुआ एवं चिड़िया में संचालित है. इसके अतिरिक्त टाटा विजय 2 घाटकुड़ी बड़ाजामदा खदान संचालित हो रही है. लेकिन खदान के निकटवर्ती गांव में विकास कार्य शून्य है. खदानों से प्रत्येक वर्ष हजारों करोड़ रुपये सरकार को मिलती है लेकिन सीएसआर के अन्तर्गत इन गांवों में विकास नहीं हो रहा है. युवा पलायन कर रहें है. बाहरी लोगों को इसका लाभ मिल रहा है लेकिन यहां के स्थानिय लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. इसके लिए कठोर कदम उठाने का प्रयास किया जाए सरकार की ओर से.
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