
जमशेदपुर: बिष्टुपुर स्थित सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को भक्ति और भाव का अद्भुत संगम देखने को मिला। व्यासपीठ से कथावाचन कर रहे भागवत भ्रमर आचार्य मयंक महाराज ने श्रीराम जन्मोत्सव की कथा सुनाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
महाराज ने गजेन्द्र मोक्ष, वामन अवतार, श्रीराम जन्म और नंदोत्सव की कथा सुनाते हुए कहा कि जब भक्त संकट में होता है, तब ईश्वर ही उसका सहारा बनते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मन ही बंधन और मुक्ति का कारण है। यदि मन माया में लिप्त हो जाए, तो वह बंधन बनता है और जब वह परमात्मा से जुड़ता है, तब मोक्ष का मार्ग खुलता है।
उन्होंने भागवत कथा की महत्ता बताते हुए कहा कि गजेन्द्र मोक्ष, वामन अवतार, श्रीराम जन्म और कृष्ण नंदोत्सव की लीलाएं, न केवल भगवान विष्णु के अवतारों का चित्रण करती हैं, बल्कि भक्तों को भक्ति, प्रेम और मुक्ति की राह दिखाती हैं।
मयंक महाराज ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का ईश्वर से साक्षात्कार तभी संभव है, जब वह श्रद्धा और आस्था रखे। अहंकार मनुष्य को ईश्वर से दूर कर देता है, चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो। उन्होंने राजा बलि के प्रसंग के माध्यम से समझाया कि घमंड ईश्वर द्वारा कई परीक्षाओं की ओर ले जाता है और अंततः विनम्रता ही ईश्वर के निकट पहुंचाती है।
महाराज ने यह भी कहा कि किसी की रक्षा के लिए बोला गया झूठ, झूठ नहीं होता। यदि किसी प्राणी का जीवन बचाने हेतु असत्य का सहारा लिया जाए, तो वह ईश्वर की दृष्टि में क्षम्य होता है। यह मनुष्य जन्म प्रभु की विशेष कृपा का ही फल है।
पांचवें दिन शनिवार को मयंक महाराज श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, गोवर्धन पूजा और छप्पन भोग प्रसंग की कथा सुनाएंगे।
इस दिन गौरव मोदी, रोशन अग्रवाल, विमल गुप्ता, धीरज सावा, संजय अग्रवाल, पंकज सिंह, प्रदीप गुप्ता, गणेश भालोटिया, सुरेश आगीवाल, महेन्द्र अग्रवाल, मोहनलाल केडिया, सकेत कुमार मल्लिक, भागवती प्रसाद, माली देवी आदि यजमानों की उपस्थिति रही। श्री श्याम भटली परिवार जमशेदपुर और भयली महिला मंडल सोनारी के संयुक्त आयोजन में यह भागवत कथा आयोजित की जा रही है, जिसमें प्रतिदिन श्रद्धालु बड़ी संख्या में आकर भक्ति भाव से कथा श्रवण कर रहे हैं।
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