
जादूगोड़ा: सुर और संगीत के दीवानों के लिए जादूगोड़ा की शामें अब और भी खास हो गई हैं. यहां यूसिल कॉलोनी स्थित सामुदायिक केंद्र में संगीत प्रेमियों ने एक Karaoke ग्रुप का गठन किया है, जहां हर शाम संगीत की महफिल सजती है.
यूसिल कर्मियों का बढ़ता रुझान
यूसिल के दर्जनों कर्मी संगीत की ओर आकर्षित हो रहे हैं और अपने हुनर को निखारने में जुटे हैं. बीते पखवाड़े से संगीत प्रेमी वाद्य यंत्रों के साथ नियमित अभ्यास कर रहे हैं और अपने सुरों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं.
जब सुरों की जादूगरी छा गई
संगीतकार संदीप गुप्ता जब सुर साधना में लीन होते हैं, तो उनके गीतों की गूंज माहौल को संगीतमय बना देती है. उनकी आवाज़ में –
“जब से तेरे नैना, मेरे नैनों से लागे रे, तब से दीवाना हुआ, बेगाना हुआ…”
या फिर –
“मैं शायर तो नहीं, मगर ऐ हसीं, जब देखा मैंने तुझको शायरी आ गई…”
जैसे गीत सुनकर दर्शक झूम उठते हैं. इसके अलावा, “छलकाए जाम, आइए आपकी आँखों के नाम” जैसे सदाबहार गानों की प्रस्तुति ने भी महफिल को संगीतमय बना दिया.
संगीत के दीवानों की टोली बढ़ रही
पहले इस ग्रुप में कुछ ही लोग थे, लेकिन अब इसमें 12 संगीत प्रेमी शामिल हो चुके हैं, जिनमें प्रमुख नाम हैं – डमर बहादुर, काशी नाथ चौधरी, संजय श्रेष्ठ, संदीप कुमार गुप्ता, दिल आले, रंजन दास और चंद्र बहादुर. ये सभी यूसिल कर्मी हैं, जो संगीत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का सपना संजोए हुए हैं.
संगीत तनाव से मुक्ति का जरिया
संगीतकार संदीप गुप्ता का मानना है कि संगीत न केवल तनाव को दूर करता है, बल्कि मन में उत्साह और नई ऊर्जा भी भरता है. वे उम्मीद करते हैं कि यह कराओके ग्रुप आगे चलकर एक बड़ा संगीत काफिला बनेगा और यूसिल में सांस्कृतिक गतिविधियों को नई दिशा देगा.संगीत प्रेमियों के इस प्रयास से जादूगोड़ा में कला और संस्कृति को नई पहचान मिल रही है और यह ग्रुप भविष्य में एक बड़े मंच पर अपनी छाप छोड़ने की तैयारी कर रहा है.
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