
चाईबासा: एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता डॉ. पवन पांडेय के नेतृत्व में शुक्रवार को चाईबासा स्थित पश्चिमी सिंहभूम उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया. मौके पर एक ज्ञापन सौंपकर झारखंड में जातिगत प्रमाण पत्र के संकट और आरक्षण से वंचित समुदायों की पीड़ा को उजागर किया गया.
डॉ. पवन पांडेय ने मांग पत्र के माध्यम से कहा कि जब सरकारें जातिगत जनगणना करा रही हैं और आरक्षण की सीमा बढ़ाने की दिशा में बढ़ रही हैं, तो राज्य में पहले से निवास कर रहे ऐसे लोग क्यों दरकिनार हैं जिन्हें प्रमाण-पत्र ही नहीं मिल रहा. अनुमानतः राज्य की लगभग 38% आबादी (SC/OBC) जातिगत प्रमाण-पत्र के अभाव में संवैधानिक आरक्षण से वंचित है.
प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर रोष जताया कि झारखंड बनने से पहले बिहार से रोजगार की तलाश में आए परिवारों की संतति आज भी यहीं रह रही है. उन्होंने अपने दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट आदि झारखंड के पते पर बनवाए हैं. लेकिन प्रशासन उन्हें प्रमाण-पत्र जारी नहीं कर रहा, जिससे वे सामान्य वर्ग में डाल दिए गए हैं.
डॉ. पांडेय ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत हर नागरिक को देश के किसी भी भाग में निवास करने और बराबरी का अधिकार प्राप्त है. ऐसे में जातिगत प्रमाण-पत्र न देना संविधान के मूल अधिकारों का हनन है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस संकट से सभी धर्मों के SC/OBC वर्ग प्रभावित हैं — चाहे वे हिन्दू हों, मुस्लिम, सिख या ईसाई.
ज्ञापन में मांग की गई कि प्रमाण-पत्र निर्गत की प्रक्रिया सरल और व्यवहारिक बनाई जाए ताकि आरक्षण का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों को मिल सके. अन्यथा युवा मोर्चा राज्यभर में जनजागृति अभियान चलाकर एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा करेगा.
प्रदर्शन के दौरान प्रतिनिधिमंडल में श्याम सिंह, कोमल नीमा सोरेन, विल्सन कुल्लू, विजया वासनी पांडेय, मालती देवी, अनवर हुसैन, मोहम्मद रिजवान, तेजपाल सिंह और गोपाल पासवान प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
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