
चांडिल: सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नीमडीह में व्याप्त भ्रष्टाचार ने आमजन की चिंता बढ़ा दी है. यह स्वास्थ्य केंद्र नीमडीह व कुकड़ू प्रखंड के हजारों लोगों की चिकित्सा की प्रमुख आशा है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में रोगी इलाज के लिए यहाँ आते हैं. खासकर गर्भवती महिलाएं प्रसव व स्वास्थ्य जांच के लिए इस केंद्र पर निर्भर हैं.
लैब तकनीशियन पर गंभीर आरोप
स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत लैब तकनीशियन सुनील राम पर आरोप है कि वह गर्भवती महिलाओं से रक्त व अन्य जांच के नाम पर 500 से 600 रुपये तक वसूलता है. जबकि सरकार द्वारा इन सभी जांचों को पूर्णतः नि:शुल्क घोषित किया गया है.
बताया गया कि वह महिलाओं को डराने की कोशिश करता है. वह कहता है कि यदि जांच नहीं कराई और पैसा नहीं दिया गया, तो विकलांग या अपाहिज शिशु जन्म ले सकता है. ऐसे मनोवैज्ञानिक भय का लाभ उठाकर वह गरीब महिलाओं से पैसे वसूल करता है.
यक्ष्मा मरीजों से भी ली जाती है ‘घूस’
केवल नकद ही नहीं, बल्कि यक्ष्मा (टीबी) जांच के लिए भी मरीजों से ‘मामूली उपहार’ के नाम पर मुर्गा और बत्तख जैसी वस्तुएँ ली जाती हैं. यह प्रथा अब आम होती जा रही है, जो भ्रष्टाचार के एक नए और शर्मनाक रूप को दर्शाती है.
विधायक पर उठ रहे हैं सवाल
नीमडीह और कुकड़ू क्षेत्र की जनता अब प्रत्यक्ष रूप से सवाल उठा रही है. लोग पूछ रहे हैं — क्या क्षेत्रीय विधायक का कार्य सिर्फ सड़कों, पुलों और भवनों का शिलान्यास कर कमीशन लेना भर रह गया है?
जनता का कहना है कि सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नियंत्रण का दायित्व विधायक का भी है. यदि विधायक को इसकी जानकारी नहीं है, तो उनके कार्यकर्ताओं की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. क्या वे भी इस भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगा रहे हैं?
जनता चेतावनी मोड में
ईचागढ़ की जागरूक जनता अब खुलकर बोल रही है. कहा जा रहा है कि चाहे ‘मैया सम्मान योजना’ लाई जाए या ‘भैया सम्मान योजना’ की शुरुआत हो, जनता 2029 के चुनाव में अपना स्पष्ट निर्णय सुनाएगी.
लोगों ने सवाल उठाया है — क्या गरीबों के हिस्से की सरकारी सुविधा लूटने की छूट सरकारी बाबुओं को दी गई है? अगर नहीं, तो फिर ऐसे भ्रष्टाचारियों पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
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